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Mosi ki beti ki chudai

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मेरी मौसी
की दो लड़कियाँ हैं,
बड़ी की
शादी हो चुकी है और
छोटी अभी B.A. कर
रही है उसका नाम कल्पना है,
कल्पना देखने में इतनी सुंदर और
सेक्सी है कि कोई भी
उसे एक बार देख ले तो मूठ मारे बिना
नहीं रह सकता।
हालांकि उसके मुम्मे ज़्यादा बड़े
नहीं हैं पर फिर भी
वो कमाल की चीज़ है,
मैंने कई बार उसके नाम से मूठ मारी
थी और अब उसे चोदना चाहता था।
दिसंबर महीने की बात
है, मौसी की
देवरानी के घर कोई प्रोग्राम था,
हमारी फ़ैमिली को
भी बुलाया गया था, पर मम्मा-पापा को
किसी और काम से
कहीं बाहर जाना था इसलिए
मौसी के घर मैं चला गया।
प्रोग्राम अगले दिन सुबह था, इसलिए
मेरी तरह बाकी सब
रिश्तेदार भी आ गये थे।
रात को जब सोने की
बारी आई तो जगह कम होने के
कारण सबको अड्जस्ट करना पड़ा… मैंने मौका
देखा और मैं कल्पना के रूम में जाकर सो गया
और अंदर ही अंदर बहुत खुश
था कि आज मेरे सपनों की
रानी मेरे साथ सोएगी।
जैसा मैंने सोचा था, ठीक वैसा
ही हुआ, थोड़ी देर
बाद कल्पना भी आ गई और
आकर मेरे बगल में लेट गई।
कमरे में एक ही रज़ाई
थी जो मैंने एक तरफ से औढ़
रखी थी।
थोड़ी देर बाद जब कल्पना को
भी ठंड लगने लगी तो
वो भी रज़ाई में आ गई।
सब सो गये थे पर मैं कहाँ सोने वाला था।
थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि कल्पना
भी सो गई है फिर मैंने
बड़ी हिम्मत करके अपना एक
हाथ कल्पना के पेट पर रख दिया, वो सोई
थी इसलिए उसने कुछ
नहीं कहा।
फिर मैं धीरे धीरे हाथ
उसके मुम्मों पर ले गया और धीरे
धीरे दबाने लगा। शायद वो सो गई
थी इसलिए मैंने थोड़ी
और हिम्मत की और हाथ उसके
शर्ट के अंदर डाल दिया पर उसने ब्रा बहुत
टाइट डाली हुई थी
इसलिए कोई फायदा नहीं हुआ।
अपना हाथ नीचे
उसकी सलवार तक ले गया और
धीरे धीरे
उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया,
नाड़ा खोलते ही उसने
थोड़ी हलचल की
और साइड चेंज करके सो गई। मैं तो पूरा डर
गया था पर मेरी किस्मत
अच्छी थी कि वो फिर
से सो गई थी।
थोड़ी देर और इंतज़ार करके मैंने
अपना हाथ उसकी सलवार में डाल
दिया, हाथ सीधा जाकर
उसकी फुद्दी के ऊपर
लगा और मैं समझ गया कि उसने
पेंटी नहीं
पहनी थी।
मैं बहुत खुश हो गया कि आज
पहली बार किसी
लड़की की
फुद्दी को छूने का मौका मिला है
और वो भी अपनी
मौसी की
लड़की की…
मैं यह सोच सोच के पागल हुया जा रहा था।
थोड़ी देर ऊपर हाथ फेरने के बाद
मैं अपना हाथ उसकी टाँगों के
बीच ले गया और
उसकी फुद्दी को
महसूस किया जो एकदम रूई जैसी
मुलायम थी, फिर मैंने
फ़ुद्दी के दोनो होठों को टच किया
और अपनी एक उंगली
से उसकी फ़ुद्दी को
दबा दिया..
अचानक कल्पना जाग गई, मैंने फटाफट अपना
हाथ बाहर निकाला और दूसरी
तरफ मुँह करके सोने का नाटक करने लगा।
वो उठ कर बैठ गई और उसने इधर उधर देखा
और फिर सो गई… इधर मेरी जान
में जान आई।
फिर मैं उठ कर बाथरूम गया और वहाँ कल्पना
के नाम की मूठ मारने लगा, आज
मूठ मारने में एक अलग ही मज़ा
था, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लौड़ा
हाथ में नहीं बल्कि कल्पना
की फ़ुद्दी के अंदर
बाहर हो रहा हो!
फिर 10 मिनट के बाद मेरा छूट गया और मेरे
लंड से पिचकारी
सीधी
दीवार पर गिरी, फिर मैंने
अपना लंड साफ किया और जाकर सो गया, इसके
बाद और कुछ नहीं हो पाया।
फिर अगले दिन जब सोने की
बारी आई तो सब रात को 1:30 बजे
तक बातें करते रहे मैं फिर से कल्पना के कमरे
में ही सोया था।
ज़्यादा रात होने के कारण मुझे भी
नींद आ गई थी। फिर
जब मेरी नींद
खुली तो मैंने देखा कि कल्पना अलग
रज़ाई लेकर सोई हुई थी। उसको
देख कर मेरा दिमाग़ शैतान हो गया और मैं
उसकी रज़ाई में जाकर लेट गया,
उसने लोअर और टी-शर्ट
पहनी थी।
थोड़ा इंतज़ार करने के बाद मैंने अपना हाथ
सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया
और दबाने लगा। आज उसे कोई होश
नहीं थी शायद सारा
दिन काम करके वो थक गई थी, मैंने
उसकी टी-शर्ट ऊपर
की और उसके पेट पर हाथ फेरने
लगा, फिर मैंने उसका लोअर थोड़ा
नीचे सरका दिया, मैंने
उसकी पेंटी
भी नीचे सरका
दी और जाकर उसकी
टाँगों के बीच बैठ गया और
उसकी फ़ुद्दी में
अपनी जीभ देने लगा।
थोड़ी देर चाटने के बाद वो हुआ
जिसकी मुझे उम्मीद
नहीं थी, उसके हाथ
मेरे सिर पर थे, वो जागी हुई
थी और अब वो मेरा सिर
अपनी फ़ुद्दी में दबा
रही थी।
बस फिर क्या था मुझे तो ग्रीन
सिगनल मिल गया अब मैं पूरे जोश में
उसकी फ़ुद्दी चाटने
लगा। थोड़ी देर के बाद मैं उसके
ऊपर आ गया और उसकी
टी-शर्ट और पिंक ब्रा
भी खोल दी, फिर मैंने
उसके लबों में लब डाल दिए और चूसने लगा
और एक हाथ से उसके मुम्मे दबाने लगा।
अब वो भी गरम हो
रही थी।
थोड़ी देर लब चूसने के बाद मैंने
उसके मुम्मे भी चूसे, मैंने फिर मैंने
उसका लोअर और पेंटी
पूरी उतार कर टाँगों से अलग कर
दी और फिर खुद भी
नंगा हो गया।
आज मैंने पहली बार
किसी लड़की को पूरा
नंगी देखा था और वो तो एकदम
जन्नत की हूर लग
रही थी, उसके गोल
गोल छोटे छोटे मुम्मे क्या मस्त लग रहे थे…
दिल कर रहा था कि इन्हें अभी खा
लूँ… मेरे नंगा होते ही वो मुझसे
लिपट गई… मैं तो जैसे जन्नत में था!
मेरी हूर पूरी
नंगी मुझसे लिपटी हुई
थी।
थोड़ी देर ऐसे ही
लिपटे रहने के बाद हम अलग हुए और मैंने
उसे लेटने को कहा, फिर मैंने
उसकी टांगें खोली और
उसकी फ़ुद्दी चाटने
लगा, अब कल्पना को भी जोश चढ़
रहा था…
क्या महक थी उसकी
फ़ुद्दी की… मुझे तो
मजा आ रहा था… कल्पना के मुँह से
‘आआहहह आहहह’ की
आवाज़ें आ रही थी।
थोड़ी देर के बाद उसकी
बॉडी अकड़ने लगी
और उसकी फ़ुद्दी ने
नमकीन पानी छोड़ दिया
और वो बोली- अब मत तड़पओ,
डाल दो मेरे अंदर!
मैंने उसे अपना लंड चूसने को बोला पर उसने मना
कर दिया, मेरे ज़ोर देने पर वो मान गई और मैंने
अपना पूरा लौड़ा उसके मुँह में दे दिया, वो उसे
लोलीपाप की तरह
चूस रही थी। उसने
करीब 10 मिनट तक मेरा लण्ड
चूसा और मेरा माल उसके मुँह में छूट गया,
उसका मुँह मेरी क्रीम
से भर गया था, उसने सारा अंदर कर लिया और मैं
लेट गया।
वो भी मेरी बगल में
लेटी थी, मैंने बोला-
अब तुम ही इसे खड़ा करो!
वो बोली- कैसे?
तो मैंने बोला- चूसो इसे दोबारा…
वो चूसने लगी 2 मिनिट में
ही मेरा लण्ड फिर से अकड़ गया
और मैंने टाइम ना गंवाते हुए उसे
नीचे लेटाया और उसे टांगें खोलने को
कहा।
उसने टांगें खोल दी और मैं अपना
लंड उसकी फ़ुद्दी पर
रगड़ने लगा, उसके मुख से ‘आह… आहह
आआहहह…’ की आवाज़ें आ
रही थी।
मैंने एक जोरदार झटका मारा तो उसके मुँह से
चीख निकल गई ‘उउउईईईई…’
और वो चिल्लाने लगी- बाहर
निकालो इसे… मैं मर जाऊँगी!
मैंने जल्दी से अपने मुँह से
उसके मुँह को दबा दिया और फिर एक और
झटका मारा, अबकी बार वो पहले
से ज़्यादा ज़ोर से चीखी
पर मेरा मुँह होने के कारण उसकी
चीख दबी रह
गयी।
फिर मैंने 2 झटके और मारे और मेरा लंड
उसकी फ़ुद्दी में समा
चुका था, उसकी आँखों से
पानी बह रहा था।
फिर मैंने कुछ देर ऐसे ही रहने
दिया, जब उसका दर्द थोड़ा कम हुई तो मैंने
उसके मुँह से अपना मुँह अलग किया और
देखा कि उसकी फ़ुद्दी
से खून निकल रहा था जिससे बेड
की चादर खराब हो गई
थी। वो ये सब देख कर डर गई
थी पर फिर मैंने उसे समझाया कि
पहली बार ऐसा होता है।
जब उसका दर्द काफ़ी कम हो गया
तो मैंने धीरे धीरे झटके
लगाने चालू कर दिए, अब उसे भी
मजा आने लगा और वो भी ‘फक
मी… फक मी…’ कर
रही थी और उसके
मुँह से ‘आहहह आआहह हहआ…
आहह… आआहह…’ की
आवाज़ें आ रही थी,
अब वो भी नीचे से मेरा
साथ दे रही थी।
अचानक उसकी बॉडी
अकड़ गई और उसने पानी छोड़
दिया और बोली- अब बस करो…
पर मेरा अभी नहीं
हुया था तो मैंने झटके लगाना चालू रखा,
थोड़ी देर में उसे फिर से मजा आने
लगा और फिर से मेरा साथ देने
लगी।
काफ़ी देर की चुदाई के
बाद मेरा छूटने वाला था, मैंने अपनी
स्पीड बढ़ा दी और
फिर अपना सारा माल उसकी
फ़ुद्दी में गिरा दिया।
इस दौरान वो 3 बार झड़ चुकी
थी।
फिर उसी रात हमने एक बार और
चुदाई का मजा लिया।आपको मेरी
यह कहानी कैसी
लगी
Rajsharma67457@gmail. Com

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