मैं अपने कालेज की छुट्टियों में
अपनी दिल्ली
चाची के घर गया हुआ था, उन दिनों
गर्मी का समय था। मैं मुम्बई से
दिल्ली साल दो साल में
ही जाता हूँ। मेरी
चाची को अभी तक कोई
बच्चा नहीं हुआ है। मैं
अपनी चाची के बारे में
जितना बोलूँ.. उतना कम है।
उनका कद 5 फीट 2 इंच है। गोरा
रंग.. लम्बे बाल.. बड़ी-
बड़ी आँखें.. सन्तरे
की फांक जैसे रसभरे होंठ..
उफ़्फ़्.. क्या बताऊँ बस पूरी
की पूरी आइटम हैं।
जब मैं वहाँ गया तो सब बहुत खुश थे खास
कर मेरी चाची..
एक दिन की बात है.. मैं घर में
टीवी देख रहा था। मेरे
चाचा तो काम के सिलसिले में बाहर
ही गए हुऐ थे। घर पर
चाची और मैं ही थे।
टीवी पर एक
सेक्सी सीन चल रहा
था.. अचानक चाची कमरे में आ
गईं। वो भी
टीवी देखने
लगीं.. तभी एक गरम
सीन चलने लगा… मुझे लगा
चाची मदहोश होने
लगी हैं।
यहाँ मेरा बाबूराव भी खड़ा होने लगा
था.. मैंने पहले कभी
चाची को उस नजर से
नहीं देखा था।
तभी चाची
उठीं और अपने कमरे में
चली गईं। मैं समझ गया.. जरूर
चाची गरम हो गई हैं। मैंने दरवाजे
के छेद से झाँका.. तो मुझे जो दिखा वो देख कर मैं
सन्न रह गया।
मैंने देखा कि चाची ने
अपनी साड़ी उतार
दी थी.. और अब
उन्होंने अपना ब्लाउज भी उतार
दिया.. फिर पेटीकोट भी
उतार दिया।
अब चाची सिर्फ़ ब्रा और
पैन्टी में खड़ी
थीं। उस समय ऐसा लग रहा था कि
जैसे कोई हूर जन्नत से उतर आई हो और
मेरे सामने खड़ी हो।
तभी मुझे लगा दरवाज खुला है..
शायद जल्दी-जल्दी
में चाची बँद करना भूल गई
होगीं।
मेरा दिल अब और भी पागल हो
रहा था। मैं दरवाजे को कमरे के अन्दर चला
गया। चाची शीशे के
सामने खड़ी थीं।
अबकी बार चाची ने
मुझे देख कर अनदेखा कर दिया। शायद ये मेरे
लिए ग्रीन सिग्नल था।
मैं जब थोड़ा और अन्दर गया.. तब
चाची बोलीं- मैंने
अभी कपड़े नहीं
पहने.. तुम बाहर जाओ।
मैं बोला- मैंने तुम्हें कपड़ों में तो हमेश देखा
है.. लेकिन आज बिना कपड़ों के देखना चाहता
हूँ.. अब तुम्हारी
मर्जी.. तुम मेरे सामने ऐसे
भी रह सकती हो।
उन्होंने जल्दी-जल्दी
अपने कपड़े पहने और कुछ देर बाद कहा-
क्या मैं तुम्हें अच्छी
लगती हूँ?
मैंने कहा-हाँ.. आप मेरी
चाची हैं.. मैं आपको बहुत
पसन्द करता हूँ।
उन्होंने कहा- मैं जो कहूँ.. तुम मान लोगे?
मैंने कहा- आज़मा कर देख लें।
उन्होंने कहा- अपनी
जीन्स उतारो।
मैं सन्न रह गया।
उन्होंने कहा- अगर मेरा कहा
नहीं मानोगे तो मैं सब को बता
दूंगी कि तुम मुझे नंगी
नहाते हुए देख रहे थे।
मैं और ज्यादा परेशान हो गया।
उन्होंने फ़िर कहा- अपनी
जीन्स उतारो।
मैंने कहा- क्यों?
उन्होंने कहा- तुमने मुझे नंगी
देखा है.. मैं भी तुम्हें नंगा
देखूंगी।
इसके बाद वो मेरे करीब आईं और
जबरदस्ती मेरी शर्ट
उतारने लगी तो मैंने कहा- अच्छा
रुको.. मैं उतारता हूँ।
अब मैंने अपनी कमीज़
उतार दी।
फ़िर चाची ने कहा-
जीन्स भी उतारो।
मैंने धीरे-धीरे वो
भी उतार दी। अब मैं
अन्डरवियर में उनके सामने खड़ा था।
मुझे बहुत शरम आ रही
थी।
इस पर उन्होंने कहा- यह भी
उतारो.. मैं तुम्हें पूरा नंगा देखना
चाहती हूँ।
मैंने मना कर दिया तो उन्होंने मेरे पास आ कर
मुझे एक चपत लगाई और कहा- बहन के
लौड़े… उतारता है या नहीं?
मैं उनके मुँह से गाली सुन कर
हैरान रह गया। उन्होंने जल्दी
से मेरा कच्छा नीचे कर दिया।
मेरा लण्ड उस वक्त 6″ का था और
किसी खम्बे की तरह
खड़ा था। चाची ने मेरे लण्ड को
अपने हाथ में लिया तो मुझे एक
अजीब सा मज़ा आया और मेरे मुँह
से सिसकारी निकल गई।
उन्होंने कहा- तुम्हारे चाचा का तो 3″
ही लम्बा होगा.. मगर तुम्हारा तो
उससे भी बड़ा है। तुम्हारे चाचा तो
सेक्स करना जानते ही
नहीं हैं.. उनका लण्ड मेरे
अन्दर जाते ही ‘पुल..पुल..’
करके पानी छोड़ देता है। क्या तुमने
किसी से सेक्स किया है?
मैंने कहा- नहीं।
तो उन्होंने कहा- आज मैं तुम्हें एक नया गेम
सिखाऊँगी.. तुम्हें फ़ुटबाल बहुत
पसन्द है ना.. यह खेल उससे
भी ज्यादा अच्छा है।
उसके बाद उन्होंने मेरे होंठों पर चुम्बन किया।
मैं भी अपना काबू खो बैठा और
उनको अपनी बाहों में ले लिया।
उनका वो चुम्बन मुझे हमेशा याद रहेगा। उनके
होंठों को जब मैंने अपने दांतों में दबाया.. तो मुझे
बहुत मज़ा आया था। चाची ने मुझे
20 मिनट तक चुम्बन किया।
फ़िर चाची ने चुदास भरी
आवाज में कहा- बेडरूम में चलो।
मैं नंगा ही उनके साथ बेडरूम में
चला गया। वहाँ पर चाची ने मुझे
बिस्तर पर धक्का दे दिया और मेरा लण्ड अपने
मुँह में लेकर आइसक्रीम
की तरह चूसना शुरू कर दिया।
मैं तो आसमान पर पहुँच गया.. मैं बता
नहीं सकता कि कितना मज़ा आया
था।
कुछ देर बाद मैंने कहा- चाची अब
मेरा निकलने वाला है.. आप मुँह से मेरा लण्ड
निकाल दो।
तो उन्होंने कहा- मेरे मुँह में ही
गिरा दो.. मैं कब से तेरे लण्ड का
पानी पीने को बेकरार
हूँ।
मैंने ऐसा ही किया। मुझे
अच्छी तरह याद है कि इससे
पहले मेरा पानी इतना ज्यादा
नहीं निकला था।
फ़िर चाची ने पूछा- तुम्हें मेरे
शरीर में सबसे ज्यादा क्या पसन्द
है?
मैंने कहा- आप के आम।
तो उन्होंने कहा- दूर से तो देख
ही चुके हो.. क्या छूना चाहते
हो?
यह सुनते ही मैंने उनको
अपनी ओर खींच लिया
और उनकी ब्लाउज में से
ही ब्रा में हाथ डाल दिया। फिर मैंने
उनके ब्लाउज को उतार फेंका.. अन्दर काले रंग
की ब्रा उनके मम्मों पर
कसी हुई थी। मैंने
उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से
ही दबाना और चूमना शुरू कर दिया।
फ़िर मैंने ब्रा खोलने की कोशिश
की.. मगर मुझसे
नहीं खुली।
चाची हंस पड़ी और
अपने आप अपनी ब्रा उतार
दी।
उनके तने हुए मम्मों को देख कर मैं पागल हो
गया ‘उफ़्फ़.. इतने बड़े..!’
मैंने उनके बेकाबू मम्मों को एकदम अपने मुँह
में ले लिया। चाची
अजीब-अजीब
सी आवाज़ें निकालने
लगीं।
मैंने उनके गुलाबी निप्पल चूस-चूस
कर लाल-लाल और कड़क कर दिए।
तब चाची ने कहा- मुझे चुम्बन
दो।
मैं फ़ौरन उनके रसभरे होंठों की
तरफ़ बढ़ा तो उन्होंने कहा- यहाँ पर
नहीं.. नीचे..
मैंने कहा- वहाँ पर मैं कैसे चुम्बन कर
सकता हूँ?
तो उन्होंने कहा- मैंने तो भी
तुम्हारे लण्ड को चूसा था.. अब
तुम्हारी बारी है।
मैंने कहा- अच्छा.. कोशिश करता हूँ.. फ़िर मैंने
चाची की
साड़ी खोली..
पेटीकोट भी उतार दिया।
अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी
खड़ी थीं।
मैंने उनको बिस्तर पर लिटाया और
चाची की चूत पर
हल्के से किस किया.. मुझे बड़ा मज़ा आया।
मैंने फ़ौरन अपनी जीभ
उनकी चूत के होंठों पर रख
दी और रगड़ने लगा।
उनकी सिसकारियाँ निकल गईं..
लेकिन वो कह रही
थीं।
‘सन्नी.. आह्ह.. खा जाओ
अपनी चाची
की चूत को.. मैं बहुत दिनों से
प्यासी हूँ.. मेरी चूत
का पानी पी लो.. अब
मुझसे बर्दाश्त नहीं होता..
आह.. ह्ह आ आऽऽ यस.. फ़क
मी यू बास्टर्ड.. यू मदर फ़कर
ऽऽऽ..’
मैं सोच रहा था कि कैसे माँ की
लौड़ी गालियां दे रही
है.. मुझे चाचा की किस्मत पर
रश्क हो रहा था। वो रोज़ कैसे मजे से
चाची को बजाते होंगे..।
कुछ देर बाद चाची की
चूत में से भी पानी
निकल गया। मैं बहुत हैरान हुआ कि
लेडीज़ की
भी क्रीम
निकलती है।
हम दोनों एक-दूसरे से लिपट कर बिस्तर पर
लेट गए। मैंने उनसे पूछा- क्या आपने
शादी से पहले किसी
के साथ सेक्स किया था?
उन्होंने कहा- यह मैं बाद में
बताऊंगी, पहले चाची
की चूत को ठण्डी तो
कर।
मैंने कहा- ठीक है मेरा लण्ड
दोबारा चूसो।
चाची ने कहा- 69 में हो जाओ।
मैंने कहा- यह क्या होता है?
तो वो कहने लगीं-
सीधे लेट जाओ।
मैं सीधा लेट गया.. वो मेरे ऊपर इस
तरह लेटीं कि उनका मुँह मेरे
लण्ड की तरफ़ और
चाची की चूत मेरे मुँह
की तरफ़ हो गई।
फ़िर उन्होंने कहा- यह है 69
की स्थिति.. समझे.. अब तुम
मेरी चूत चाटो.. मैं तुम्हारा लण्ड
चूसती हूँ।
हम दोनों का चूसना और चाटना शुरू हो गया।
करीब दस मिनट बाद मेरा लण्ड
फ़िर से खड़ा होने लगा था। पता
नहीं उनके चूसने में क्या जादू था
कि मेरा लण्ड इतना खूबसूरत कभी
नहीं लगा।
मैंने कहा- क्या आपकी चूत में
डाल दूँ?
उन्होंने कहा- किसी और
की चूत भी दिख
रही है क्या भोसड़ी
के.. देर क्यों कर रहे हो.. आ जाओ.. लेकिन
एक मिनट रुको..
वो बिस्तर से उठीं और मेज़
की दराज़ से कन्डोम का पैकेट
निकाला और एक कंडोम मेरे लण्ड पर चढ़ा दिया
और कहा- मैं प्रेग्नैन्ट नहीं
होना चाहती।
फ़िर उन्होंने मेरे लण्ड पर क्रीम
लगाई और कुछ अपनी चूत पर
भी लगाई और घोड़ी
बन गईं और कहा- मेरे अन्दर आ जाओ
मेरी जान..
मैंने अपने लण्ड की
टोपी चाची
की चूत पर रगड़ी।
चाची ने कहा- मादरचोद, क्यों
तड़फ़ा रहे हो.. जल्दी से मेरे
अन्दर डाल दो।
मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो
चाची की
चीख निकल गई। उन्होंने कहा-
आराम से डालो।
मैंने आराम से धीरे-
धीरे करना शुरू कर दिया तो वो कहने
लगीं- मादरचोद.. बहनचोद.. चोद
दे मुझे.. मेरी अपनी
चाची की चूत फ़ाड़ दे
आ आहऽऽऽ.. आ मज़ा आ रहा है..
जोर से करो।
अब मैं जोर से करने लगा। कुछ देर बाद मैंने
अपना लण्ड उनकी चूत में से
निकाल लिया तो उन्होंने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- मैं अपने तरीके से
करना चाहता हूँ।
चाची ने कहा- तुम जैसे
मर्जी करो.. पर लण्ड चूत में से
बाहर मत निकालो।
मैंने चाची को गोद में उठाया और
अपना लण्ड उनकी चूत में डाल
कर उनको उछालने लगा। मुझे बहुत मेहनत
करनी पड़ी.. मगर इस
अन्दाज़ में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
दस मिनट में मैंने चाची से कहा-
मेरा माल निकलने वाला है.. तो उन्होंने फ़ौरन
मेरा लण्ड निकाल कर उस पर से कन्डोम हटा
दिया और अपने मुँह में लेकर चूसने
लगीं।
मेरी क्रीम फ़िर निकल
गई।
कुछ देर बाद मैंने चाची से कहा- मैं
आपको फ़िर चोदना चाहता हूँ।
उन्होंने कहा- सब्र करो.. अब कल करेंगे..
हमारे पास पूरा एक हफ़्ता है।
आपको मेरी यह घटना कैसी
लगी, कहानी
Rajsharma67457@gmail.com
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