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Teacher ke ghar saja keep badle maja

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हैल्लो फ्रेंड्स.. में राज शर्मा
रतलाम का रहने वाला हूँ और
मेरी उम्र 22 साल है और में एक कॉलेज
में MBA के आखरी साल में पढ़ाई कर
रहा हूँ. में आप सभी के सामने
एक घटना लेकर
आया हूँ. यह घटना आज से लगभग एक
साल पहले की है जब में MBA के पहले
साल में था और मैंने जो सब्जेक्ट
लिया था उसकी तैयारी के लिए मैंने
अपनी कॉलोनी के एक टीचर से शाम
की ट्यूशन लगा ली. में उनको भाई
साहब बुलता था.. क्योंकि उनकी
उम्र लगभग 35 साल की होगी उनकी
फेमिली में वो.. उनकी वाईफ 32
साल और उनकी एक बेटी 7 साल की
थी. उनकी बेटी अपने दादा- दादी
के पास दिल्ली में रहती थी. भाई
साहब एक स्कूल में भी बच्चो को
पढ़ाने जाते थे और स्कूल में भी ट्यूशन
देते थे और वहां से शाम को 6 बजे तक
आते थे और 8 बजे फिर किसी के घर पर
ट्यूशन देने जाते थे.
उनकी वाईफ हाउसवाईफ थी और
सारा दिन घर पर अकेली रहती थी
और अब में आपका उन दोनों से परिचय
करवाता हूँ. भाई साहब जिनकी उम्र
35 साल थी.. लेकिन वो बहुत मोटे थे
और इस कारण वो कई बिमारियों के
शिकार थे और अक्सर बीमार रहते थे
और उनके बिल्कुल विपरीत उनकी
वाईफ रोशनी उम्र 32 साल.. पूरा
देखरेख किया हुआ शरीर दूध जैसा
कलर और कोई भी उनको देख ले तो
अपनी आखों में समा ले और जब वो
हंसती थी तो उनके सीधे गाल पर
डिंपल पड़ता था जिससे वो बहुत सुंदर
लगती थी. तो दोस्तों अब में सीधा
अपनी कहानी पर आता हूँ.. मुझे आशा
है आपको मेरी यह कहानी बहुत पसंद
आएगी. तो मैंने भाई साहब से बात
करके अपना ट्यूशन शाम वाले बेच में
करवा दी.. उस बेच में हम 11 स्टूडेंट थे
5 लड़के और 6 लड़कियाँ जीन में से 2
लड़कियाँ बहुत सुंदर थी.. लेकिन मुझे
उन में कोई खास रूचि नहीं थी.
फिर मेरा एक दोस्त भी बन गया
राहुल जिससे मेरी बहुत अच्छी बनती
थी. फिर एक दिन बातों बातों में हम
भाई साहब की वाईफ रोशनी भाभी
की बातें करने लगे क्योंकि वो बहुत
टाईम से ट्यूशन पड़ रहा था और उसने
एक दो बार उनकी वाईफ को देखा
भी था.. लेकिन मैंने अभी तक उनकी
वाईफ के दर्शन नहीं किए थे और सभी
दोस्तों की बातों से मुझे लगा कि
भाभी बहुत सुंदर और सेक्सी है.
जिससे उनको देखने का मेरा भी बहुत
मन कर रहा था.. लेकिन एक समस्या
थी कि जब तक हम लोग ट्यूशन पढ़ते थे
तो भाभी नीचे ही रहती थी और हम
लोग पहली मंजिल पर ट्यूशन लेते थे.
तो उस दिन में अपने घर पर जाकर
भाभी को देखने का प्लान बनाने
लगा और एक दो घंटे सोचने के बाद
वो काम भी बन गया और में अगले
दिन ट्यूशन के लिए निकल पड़ा और
वहाँ पर पहुंच कर पढ़ाई करने लगा.
फिर प्लान के मुताबिक जब आखरी के
5 मिनट बचे थे तो मैंने अपना मोबाईल
फोन स्विच ऑफ करके बेंच के कॉर्नर
पर रख दिया.. क्योंकि मुझे पता था
की भाई साहब हमें ट्यूशन पढ़ा कर
फिर दोबारा बाहर ट्यूशन देने जाएँगे
और में फोन वहाँ पर छोड़कर चला
गया और गली के कॉर्नर पर जाकर
खड़ा हो गया. फिर भाई साहब के
जाने का इंतजार करने लगा लगभग
8:10 पर भाई साहब बाईक से निकल
गये और में 5 मिनट के बाद उनके घर पर
पहुंचा और मैंने डोर बेल बजाई.. तो
भाभी ने दरवाजा खोला. दोस्तों में
तो बस भाभी को देखता ही रह
गया.. वो क्या कमाल की बला थी?
उन्होंने सफेद कलर की मेक्सी पहनी
हुई थी जो कि आधी बाहं की थी
और उनका शरीर बिल्कुल सांप की
तरह चिपका हुआ था और वो अपने
सीधे कंधे पर टावल रखे हुई थी.. शायद
उनको नहाने जाना था.
भाभी : हाँ जी किससे मिलना है?
में : भाभी जी में भाई साहब से ट्यूशन
लेता हूँ और आज में मेरा मोबाईल
फोन यहाँ पर भूल गया.. उसको लेने
आया हूँ.
भाभी : ठीक है तुम ऊपर आकर देख
लो.
फिर में अंदर आया.. भाभी ने कहा
कि अच्छा हुआ तुम आ गए.. मुझे भी
ऊपर कपड़े लेने जाना था.. लेकिन
रात हो गई है इसलिए मुझे ऊपर जाने
में डर लग रहा था. दोस्तों वो बातों
से तो बहुत खुली लग रही थी और लग
भी रहा था कि वो बहुत जल्द पट भी
जाएगी.. क्योंकि मैंने कहीं पर पड़ा
था कि मोटापा और शुगर दोनों ही
सेक्स पावर को कम करते है और वो
दोनों ही गुण भाई साहब में थे. फिर
भाभी और में दोनों ऊपर जाने के
लिए सीड़ियों पर जाने लगे.. भाभी
मुझसे आगे थी और में उनकी गांड के
एकदम पीछे था. में आपको शब्दों में
नहीं बता सकता कि वो क्या
मतवाली चाल से सीड़ियों पर चढ़
रही थी और मेरा सारा ध्यान उनकी
गांड पर ही था और में बस यही सोच
रहा था कि ये सीड़ियों का सफ़र
कभी खत्म ही ना हो.. में और भाभी
बस ऐसे ही चढ़ते रहे और आखिरकार
पहली मंजिल भी आ गई.. लेकिन ऊपर
की लाईट बंद थी. तभी भाभी लाईट
जलाने के लिए अचानक से रुक गई मुझे
कुछ भी नहीं दिख रहा था और में
चलता गया और सीधा भाभी की
गांड से जा टकराया.
भाभी का संतुलन खराब होने की
वजह से मैंने उनको हग कर लिया.. मेरे
दोनों हाथ उनकी पीठ पर थे और
उनकी गांड मेरे लंड से बिल्कुल छू रही
थी. मेरा लंड तो भाभी को देखकर
पहले से ही खड़ा था.. फिर भाभी
को मेरा लंड उनकी गांड पर महसूस
हो रहा था और मेरा लंड उनकी गांड
का स्पर्श पाकर और भी ज़्यादा
बड़ा हो गया और जींस फाड़ने को
तैयार हो रहा था. तो भाभी ने कुछ
नहीं बोला और मैंने भाभी को
सीधा खड़ा किया और भाभी को
सॉरी बोला और लाईट चालू करके
एक शरारती सी स्माईल दी. तो वो
बोली कि अब मत टकराना.. में
भाभी को देखता ही रह गया और
अपना मोबाईल को छुपाई हुई जगह से
उठाने लगा. तो भाभी मुझे खिड़की
से देख रही थी और उनको मुझ पर शक
हो गया कि मैंने मोबाईल जानबूझ के
वहाँ पर छोड़ा है. फिर मैंने भाभी को
आवाज़ दी भाभी जी मुझे मोबाईल
मिल गया है. तो भाभी ने बाहर
आकर मुझसे पूछा
भाभी : आपका नाम क्या है?
में : जी मेरा नाम राज है.. लेकिन
भाभी अपने मुझे मेरा नाम क्यों
पूछा?
भाभी : एक बात पूंछू?
में : जी भाभी.. तो में बहुत खुश हो
रहा था कि चलो इस कत्ल कर देने
वाली जवानी के साथ कुछ समय और
मिलेगा.
भाभी : तुमने यहाँ पर मोबाईल
जानबूझ कर छोड़ा था ना? मैंने
खिड़की से सब कुछ देख लिया था तुम
सीधा वहीं पर गये थे जहाँ पर
तुम्हारा मोबाईल था.
में : नहीं भाभी ऐसा कुछ नहीं है और
में गर्दन झुकाकर खड़ा रहा और बहुत
डर रहा था कि यह भाई साहब को
सब बता देगी.
भाभी : देखो जो तुम्हारे मन में है वो
मुझको साफ साफ बोल दो.. वर्ना में
उनको सारी बात बता दूंगी?
में : सॉरी भाभी मैंने सुना था कि
आप बहुत सुंदर और..
भाभी : और क्या गुस्से से.
में : भाभी पहले आप वादा करो
किसी को नहीं बोलोगी?
भाभी : ठीक है अब बोलो.
में : भाभी मैंने सुना था कि आप बहुत
सुंदर और सेक्सी हो.
भाभी : तो तुम लोग ट्यूशन में यही
सीखने के लिए आते हो?
में : सॉरी भाभी आज के बाद में
आपको कभी नहीं देखूँगा.
भाभी : चलो नीचे वहाँ पर सोचकर
बताती हूँ कि तुम्हारे साथ क्या
किया जाए?
फिर में नीचे आ गया.. लेकिन भाभी
नीचे अभी तक नहीं आई थी. एक मन
तो कर रहा था कि यहाँ से भाग
जाऊँ.. लेकिन यह सोचकर रुक गया
कि जो सज़ा देनी है वो यह दे ही
देगी.. पता नहीं अगर भाई साहब को
पता चल गया तो बड़ी समस्या हो
जाएगी. तभी थोड़ी देर के बाद
भाभी नीचे आई और बोली कि तुम
कल दोपहर 1 बजे घर पर आना.. में
तुम्हारे लिए सजा सोचकर रखूंगी.
में : भाभी प्लीज भाई साहब को मत
बोलना.. आप जो भी सजा दोगी..
मुझे मंजूर है.
दोस्तों फिर में वहां से आने के बाद
रात भर यह सोचता रहा कि कल पता
नहीं भाभी क्या बोलेगी? तो अगले
दिन ठीक 1 बजे में भाभी के घर गया
और डोर बेल बजाई.. भाभी ने
दरवाजा खोला.. यार वो क्या लग
रही थी? लाल कलर की जाली
वाली मेक्सी और खुले हुए बाल वो
क्या कयामत लग रही थी? में फिर से
उसको देखने लगा. भाभी ने मुझे अंदर
आने के लिए बोला और दरवाजा बंद
करके सीधा अपने रूम में चली गई. में
वहीं दरवाजे के पास खड़ा रहा और
जाते हुए भाभी की मतवाली गांड
को देख रहा था. तो 3-4 मिनट के
बाद भाभी के रूम से आवाज़ आई और
भाभी ने मुझे अंदर आने के लिए बोला
और में डरता हुआ भाभी के रूम में गया.
भाभी अपने बेड पर पेट के बल लेटी हुए
थी और उनकी सफेद कलर की पेंटी
और गांड मुझे साफ साफ दिख रही
थी और जिसको देखकर मेरा लंड
खड़ा होने लगा. तो मैंने भाभी से
बोला कि..
भाभी : में रात भर तुम्हारी सजा के
बारे में सोचती रही और मैंने एक हल
निकाला है अब तेरा.
में : बोलो भाभी में हर सजा के लिए
तैयार हूँ.. लेकिन बस आप भाई साहब
को मत बोलना.
भाभी : तो जैसा में बोलूँगी तुमको
वैसा ही करना पड़ेगा और तुम किसी
को कुछ नहीं बताओगे.
में : ठीक है भाभी आप जो कहोगी में
वैसा ही करूंगा.. लेकिन आप भाई
साहब को मत बोलिएगा.
भाभी : ठीक है सामने बॉडी लोशन
पड़ा है वो लाकर मेरे पैरों की
मालिश कर दो.
दोस्तों में यह बात सुनकर बहुत खुश
हुआ और सोचने लगा कि जिस काम
को करने की लिए में 3 दिनों से सोच
रहा था आज वो काम मुझे मेरी सजा
के तोर पर मिल रहा है और में जल्दी
से बॉडी लोशन ले आया और भाभी
के पीछे खड़ा होकर उनकी गांड को
बड़े प्यार से देखने लगा. तो भाभी ने
पीछे मुड़कर मुझे देखा और बोली कि
तुम मेरी मालिश करोगे या में
तुम्हारी नई किसी सजा का इंतजाम
करूं? तभी में जल्दी से भाभी के पास
घुटनों के बल बैठ गया और भाभी
सीधी लेट गई और उन्होंने अपनी
मेक्सी को घुटनों से ऊपर कर लिया
और मुझे मालिश करने को बोला. मैंने
थोड़ा सा लोशन हाथ में लिया और
भाभी के पैर पर आराम आराम से
लगाने लगा. मेरी आंखे भाभी की
जाँघो और पेंटी पर थी और भाभी
भी मुझे देख रही थी. तभी मेरी नजरें
भाभी पर पड़ी और मैंने अपनी नजरें
वहां से हटा ली. मेरा लंड इतना टाईट
हो गया था कि मुझसे बैठा नहीं जा
रहा था.. तो में एक हाथ से अपना लंड
जींस में ठीक करने लगा.
भाभी मुझे देख रही थी भाभी ने
मुझसे कहा कि तुम कल मेरे बारे में
क्या बोल रहे थे? जी भाभी कुछ भी
तो नहीं बोला. भाभी अब तुम डरो
मत में किसी को कुछ नहीं बोलूँगी.
तो मैंने थोड़ी हिम्म्त करके भाभी से
बोला कि जैसा मैंने आपके बारे में
सुना था आप उससे भी ज़्यादा सुंदर
हो और सेक्सी भी. तभी भाभी ने
मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई
गर्लफ्रेंड है? तो मैंने मना कर दिया..
फिर भाभी ने पूछा कि फिर तुम
काम कैसे चलाते हो? मैंने बोला कि
कैसा काम भाभी? तो भाभी ने
कहा कि जब तुम्हारा यह तुमको
परेशान करता है तो तुम क्या करते
हो? तो भाभी के मुहं से यह बात
सुनकर में बहुत हैरान रह गया और मैंने
भाभी से कहा कि भाभी बाथरूम में
जाकर मुठ मारता हूँ. फिर भाभी ने
पूछा कि क्या तुमने कभी किसी से
साथ सेक्स किया? तो मैंने कहा कि
नहीं.. लेकिन ब्लू फिल्म में देखा जरुर
है. फिर भाभी ऐसी बातें करते हुए
लंबी लंबी सांसे ले रही थी और मुझे
जांघो के ऊपर तक मालिश करने को
कहा. दोस्तों क्या जांघे थी भाभी
की..
में किसी मखमल पर हाथ घुमा रहा
था. मुझसे अब रूका नहीं जा रहा था
और में धीरे धीरे भाभी की पेंटी तक
हाथ ले जा रहा था और एक हाथ से
भाभी की मेक्सी को ऊपर करने
लगा. तभी भाभी ने आंखे खोल ली
और मुझे देखने लगी.. में डर गया और
भाभी से बोला कि भाभी मालिश
ठीक से नहीं हो पा रही है और
आपकी मेक्सी लाल कलर की है और
लोशन सफेद कलर का है यह बार बार
लोशन से गंदा हो रही है. तो इस पर
भाभी ने कहा कि ठीक है जैसा तुम
चाहो.. लेकिन अब यह मत कहना कि
मेरी पेंटी काली कलर की है यह भी
सफेद कलर में हो जाएगी. तो मैंने
ज़्यादा टाईम ना लेते हुए भाभी से
बोल ही दिया कि भाभी यह भी
उतार दीजिए लोशन तो इस पर भी
लग जाएगा.. तो भाभी बोली कि
तुम खुद ही उतार दो. फिर में यह बात
सुनकर इतना खुश हुआ कि जैसे आज
भगवान मुझ पर इतना खुश है कि अगर
आज में भगवान से जो भी माँगता वो
मुझको मिल जाता. फिर मैंने पेंटी के
अंदर हाथ डाला और पेंटी नीचे करने
लगा.
भाभी ने अपनी गांड ऊपर कर ली और
मैंने धीरे धीरे पेंटी को उतार दिया
और पेंटी उतारने के बाद जब मैंने
भाभी की हल्की गुलाबी कलर की
चूत देखी तो में हैरान रह गया. भाभी
की शादी को लगभग 8 या 9 साल
हो गये थे और अब तक तो भाभी की
चूत का कलर गहरा भूरा या काला
हो जाना था.. लेकिन अभी तक
भाभी की चूत का कलर वर्जिन चूत के
जैसा था और चूत की पंखुड़ी भी
ज़्यादा नहीं फैली हुए थी. तो में
समझ चुका था की भाई साहब के लंड
में दम नहीं रहा जो कि भाभी की
चूत की सेवा कर सके और भाभी मुझे
सजा देने का नाटक कर रही है उनकी
चूत की आग उनसे यह सब करवा रही है.
फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी
आप बुरा ना माने तो में लोशन आपके
पैरों के बीच वाले हिस्से में भी लगा
दूँ? तो भाभी ने कहा कि धीरे धीरे
लगाना.. मैंने आज ही यहाँ के बाल
साफ किए है. मुझे तो सिर्फ भाभी
की हाँ की जरूरत थी और मैंने भाभी
के पैर फैला दिए और खुद बीच में बैठ
गया.. भाभी ने अपनी आखें बंद कर
ली और आगे होने वाली मालिश के
लिए अपने आपको तैयार करने लगी..
मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी
ने अपनी आखें ज़ोर से बंद की हुई थी
और फिर मैंने अपना हाथ बेडशीट से
साफ किया और अपने हाथ पर बहुत
सारा थूक लगाया और एक हाथ से
भाभी की चूत का मुहं खोला.. यार
जैसे ही मैंने भाभी की चूत का मुहं
खोला तो भाभी की चूत का
आकार भी ऐसा था कि मानो भाई
साहब ने बहुत सालों से भाभी की
चूत मारना तो दूर.. उसमे उंगली भी
ना की होगी. भाभी की चूत ऐसी
लग रही थी कि जैसे उस पर वो
किसी प्रकार की पॉलिश करवाती
हो.. उनकी चूत चमक रही थी और मेरे
मुहं में तो पानी आने लगा था.
तभी मैंने अपना थूक लगा हाथ उनकी
चूत पर रखा और दूसरे हाथ से उनकी
चूत के दोनों गुलाब जैसी पंखुड़ियों
को खोला और उस शेव वाले हिस्से
को धीरे धीरे सहलाने लगा. मेरे हाथ
के स्पर्श से भाभी एकदम से
तिलमिला उठी और उनकी चूत ऐसी
लग रही थी कि मानो वो मुझसे कुछ
बोलना चाह रही है. फिर में धीरे
धीरे उनकी चूत की मालिश करने
लगा और भाभी से बोला कि
भाभी आपकी चूत तो बहुत ही सुंदर
और चिकनी है लगता है आपने एक दो
दिन पहले ही बाल साफ़ किए है? तो
भाभी ने कहा कि नहीं.. तेरे आने से
एक घंटे पहले ही मैंने बाल साफ़ किए
थे. फिर मैंने पूछा कि भाई साहब तो
बहुत किस्मत वाले है जो आप जैसी
सुंदर और सेक्सी वाईफ मिली है? और
वो तो आपके साथ हर रोज सेक्स करते
होंगे? आप जैसी सेक्सी लेडी के साथ
में तो हर रोज सेक्स का मजा लेता.
तो यह सुनते ही भाभी उदास हो
गई.. मैंने सोचा कि यार इतना
रोमांटिक मूड था.. लेकिन मैंने अपने
ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली. तो मैंने
भाभी से बोला कि भाभी जी अगर
आप बुरा ना माने तो में आपकी चूत
पर एक किस करना चाहता हूँ. तभी
भाभी ने कहा कि तुमने तो लोशन
लगाया हुआ है ना.. पहले उसको तो
साफ कर लो. तो मैंने कहा कि
भाभी मैंने लोशन नहीं थूक लगाया
था.. भाभी की आखों में एक अजीब
सी चमक दिख रही थी और होंठो पर
एक शरारती सी मुस्कान और फिर
भाभी ने कहा कि कर लो.. लेकिन
सिर्फ एक. तो में भाभी के पैरों के
बीच लेट गया और भाभी की चूत की
खुश्बू सूंघने लगा. भाभी की चूत में से
गुलाब जैसी खुश्बू आ रही थी और मैंने
भाभी की चूत की फांको को अलग
अलग किया और बीच वाले हिस्से पर
अपनी जीभ से नीचे से ऊपर की और
जीभ चलाने लगा. तो मेरे ऐसा करने से
भाभी बिन पानी की मछली की
तरह झटपटाने लगी और बेडशीट को
अपने मुहं में भर लिया. तो में भी
भाभी की चूत का मजा लेने लगा.
15-20 मिनट तक भाभी की चूत को
चाटने के बाद भाभी की चूत से पानी
आने लगा.. दोस्तों में आप लोगों को
बता नहीं सकता कि क्या मस्त था
उसका स्वाद? फिर भाभी ने अपनी
चूत को ऊपर को उठा लिया और एक
हाथ से मुझे अपनी चूत में दबाने लगी
और भाभी झड़ने के बाद कुछ ढीली
पड़ गई थी. फिर मैंने भाभी की तरफ़
उठकर देखा तो भाभी की आखों में
एक अलग सी चमक थी और भाभी ने
मुझे धन्यवाद बोला और कहा कि तुम
तो बहुत अच्छी चुसाई करते हो.. यह
कहाँ से सीखी? फिर वो मेरे पास
आकर मेरी जींस के ऊपर से ही लंड को
सहलाने लगी और बोली कि राज
तेरा लंड तो बाहर निकलने के लिए
तड़प रहा है. तो मैंने कहा कि भाभी
जब दुनिया की सबसे सेक्सी लेडी
सामने बिना कपड़ो के लेटी हुई हो
तो किसका लंड उसके दीदार के लिए
नहीं खड़ा होगा?
तो भाभी ने कहा कि तो करा दो
ना आप इसको दीदार.. मैंने कहा कि
भाभी आप खुद ही क्यों नहीं करा
देती? भाभी ने मेरी जींस उतार दी
और मेरा लंड अंडरवियर में एंटीना
बनकर खड़ा हो गया.. भाभी ने
अपना हाथ मेरी अंडरवियर में डाला
और लंड को हाथ से पकड़ कर सहलाने
लगी और फिर भाभी ने कहा कि
तेरा लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है?
तो मैंने कहा कि भाभी बाहर
निकाल कर तो देखो. फिर भाभी
कहने लगी कि क्यों तुम तो बहुत
उतावले हो रहे हो? तो मैंने कहा कि
भाभी में क्या करूं आपने मुझ पर जादू
कर दिया है? फिर भाभी ने मेरा
अंडरवियर उतार दिया और अब मेरा
लंड भाभी को सलामी दे रहा था
और भाभी की आखों में एक अजीब
सी चमक थी.. भाभी मेरे लंड को
सहलाने लगी और मेरी गोलियों से
खेलने लगी और भाभी का हाथ
गोलियों पर आते ही मेरा लंड और
भी ज़्यादा बड़ा हो गया और में
भाभी के बूब्स को दबाने लगा.
भाभी ने एक हाथ से मेरे लंड की खाल
ऊपर की और अपने मुहं में लेकर बच्चो
की तरह लंड को चूसने लगी और कभी
कभी वो मेरी गोलियों को भी मुहं
में ले रही थी.
में भाभी के बूब्स को दबा रहा था.
10 मिनट की चुसाई के बाद भाभी ने
लंड बाहर निकाल दिया और वो
सीधा बेड पर लेट गई. में भी भाभी के
ऊपर लेट गया और भाभी के होंठो
को चूमने और चूसने लगा. भाभी के
होंठो का एक अजीब सा स्वाद था
और में एक हाथ से भाभी के बूब्स
दबाने लगा. भाभी ने मुझे ज़ोर से
भींच लिया और वो मेरे लंड को
पकड़कर अपनी चूत में डालने लगी.
भाभी की चूत गीली हो रही थी.
तो भाभी ने मुझसे कहा कि राज
अब नहीं रहा जा रहा.. प्लीज़ अपने
लंड से मेरी चूत को शांत कर दो..
क्योंकि सालों से ये लंड की प्यासी
है. अपने लंड से इसकी प्यास बुझा दो
प्लीज़. तो मैंने यह सही टाईम देखकर
भाभी के पैर खोलकर उनके बीच में बैठ
गया और अपने लंड पर बहुत सारा थूक
लगा लिया और एक हाथ से भाभी
की चूत खोलकर भाभी की चूत के छेद
पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालने लगा..
लेकिन मेरा लंड भाभी की चूत में नहीं
जा रहा था वो बार बार फिसल
रहा था.
तभी भाभी ने अपने पैर फैला लिए
और भाभी ने कहा कि थोड़ा और
थूक लगा लो. तो मैंने कहा कि
भाभी अब मेरे मुहं में थूक नहीं है. तो
भाभी ने अपने मुहं से थूक निकालकर
मेरे लंड पर लगाया और मैंने अपना लंड
दोबारा भाभी की चूत के छेद पर
रखकर इस बार ज़ोर से धक्का मारा
और इस बार मेरा लंड भाभी की चूत
को फाड़ता हुआ थोड़ा सा अंदर
चला गया.. लेकिन भाभी के मुहं से
आहह्ह्ह्ह की आवाज़ निकल गई और
उनकी आखों से आंसू भी निकल रहे थे
और भाभी मुझे पीछे से धकेल रही
थी.. लेकिन में भाभी के ऊपर लेट गया
और उनके होंठो को चूसने लगा भाभी
ने दर्द के कारण अपने पैरों को आपस में
लपेट लिया और में एक हाथ से भाभी
के बूब्स को भी दबा रहा था. तभी
कुछ टाईम बाद भाभी आराम महसूस
कर रही थी और वो मेरे किस का
जवाब भी दे रही थी. वो अपनी
जीभ मेरे मुहं में घुमा रही थी. फिर मैंने
भाभी के पैरों को ऊपर की तरफ घुमा
दिया और एक जोरदार धक्का
मारा.. इस बार मेरा पूरा लंड भाभी
की चूत में चला गया.
दोस्तों भाभी की चूत कितनी टाईट
थी इसका अंदाज़ा मेरा लंड लगा
सकता था. मेरा लंड मुझे ऐसा महसूस
हो रहा था जैसे मानो किसी ने अपने
हाथ की मुट्ठी में ज़ोर से भींच लिया
हो और भाभी के मुहं से इस बार ज़ोर
से आवाज़ निकल आई और वो रोने भी
लगी और मुझे लंड को बाहर निकालने
के लिए बोलने लगी. में दोबारा
भाभी को किस करने लगा और एक
हाथ भाभी की गांड के नीचे करके
भाभी की गांड को धीरे धीरे दबाने
लगा भाभी मेरी कमर को नोचने
लगी.. में भाभी के होंठो और गर्दन
पर किस करने लगा.. भाभी थोड़े
टाईम के बाद कुछ अच्छा महसूस कर
रही थी और मुझसे बोली कि आज
जैसा दर्द तो मुझे पहली बार सेक्स में
भी नहीं हुआ था. राज सच में तेरे
लंड ने तो मेरी चूत को नानी याद
दिला दी और मेरे गालों को काटने
लगी..
भाभी की इस हरकत से मेरे शरीर में
जोश सा आ गया और में धीरे धीरे
धक्के मारने लगा. भाभी ने अपनी
आखें बंद कर ली और अपने मुहं से
आवाजें निकालने लगी.. आआहा
सस्स्स्सीईए सस्स्सस्स और बोल रही
थी कि राज फाड़ दे मेरी चूत.. आज
तू बुझा दे इसकी प्यास.. आज से तू ही
इसका स्वामी है. तो मैंने अपनी
स्पीड थोड़ी सी बड़ा दी और
भाभी के मुहं से अब और ज़ोर से गरम
कर देने वाली आवाजें निकल रही थी
और करीब 15-20 मिनट की चुदाई के
बाद भाभी ने मुझको ज़ोर से जकड़
लिया और अपनी गांड ऊपर की और
उठा उठाकर मेरा लंड अंदर लेने लगी
और भाभी ने मुझसे कहा कि राज
में झड़ने वाली हूँ मुझे ज़ोर से पकड़ लो
और भाभी ने अपना सारा पानी
छोड़ दिया. भाभी की चूत से
निकला पानी मुझे महसूस हो रहा
था.
चुदाई करने की छप छप की आवाज़ रूम
में गूंज रही थी.. लेकिन मेरा लंड अभी
भाभी की चूत में और भी खेलना चाह
रहा था.. लेकिन 5-6 मिनट के बाद
भाभी ने मुझसे कहा कि राज
प्लीज जल्दी से निकाल लो ना
अपना पानी.. मेरी चूत से अब इंतजार
नहीं हो रहा है.. क्योंकि आज बहुत
सालों के बाद मुझे ऐसी चुदाई मिली
है. मेरी चूत में अब बहुत ज़ोर से दर्द हो
रहा है. कल जितना तुम्हारा मन करे
मुझे चोद लेना.. लेकिन प्लीज आज के
लिए इतना ही बहुत है. तो मैंने भी
सोचा कि अब तो भाभी की चूत पर
मेरे नाम की मोहर लग चुकी है और मैंने
अपनी स्पीड तेज कर दी. भाभी ने
अपनी आखें बंद कर ली और मुहं से
आहहा की आवाजें निकालने लगी
और अब मेरे लंड से पानी निकलने
वाला था..
मैंने भाभी से पूछा कि भाभी कहाँ
पर निकालूँ? तो भाभी ने कहा कि
मेरी चूत में ही निकाल दो.. कर दो
आज इसको शांत और मैंने भाभी की
चूत में अपने लंड का सारा पानी
निकाल दिया और भाभी ने मेरे मुहं
और होंठो पर किस की बारिश कर
दी और मुझे धन्यवाद बोलकर मुझको
अपने गले से लगा लिया. में और
भाभी लगभग आधे घंटे तक इस
पोज़िशन में लेटे रहे और फिर हम दोनों
ने एक साथ बाथरूम में शावर लिया.
फिर हम दोनों ने बिना कपड़ो के
कॉफी पी और मैंने भाभी से पूछा
कि भाभी दोबारा कब सजा का
ऐसा मौका दोगी? तो भाभी ने
कहा कि राज अब तो में तुम्हारी
हो चुकी हूँ.. जब भी तेरे मन करे तब आ
जाना. फिर में भाभी से बाय कहकर
अपने घर पर आ गया और रात दिन
उनकी चुदाई के सपने देखने लगा  कहानी केसी लगी मुझे बताना जरूर
Km91sharma91@gmail.com

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