भाभी एक विह्स्की
की बोतल, क्रीम और
दो दुप्पटा ले आई, मुझे सोफे पर बैठा देख कर
वो बोली- अरे तू तो लगता है थक
गया है, अभी तो पूरी
रात पड़ी है, कैसे करेगा?
तभी मेरी नजर उनके
हाथ पर गई तो मैंने पूछा- ये सब क्या है
भाभी?
तो वो अपनी मैक्सी
उतारते हुए बोली- रात का इंतजाम
है।
इतना कहते हुए उन्होंने मेरे लौड़े
की तरफ़ देखा और मुस्कुराई, फिर
नीलम को पलंग पर पेट के बल
लेटने को बोल कर मुझे बुलाया और शराब
की बोतल से शराब
नीलम की गांड पर
डालते हुए पीने को
बोली।
जैसे ही शराब की बूँद
नीलम की गांड पर
पड़ी, वो चिहुँकी और
बोली- भाभी
मेरी गांड सुरसुर कर
रही है।
भाभी ने बोतल की
ढक्कन में शराब निकाली और
उसकी गांड में डाल दी
और मुझे चाटने का इशारा किया।
मैं भाभी की बात को
मानते हुए नीलम की
गांड को चाटने लगा।
फिर भाभी ने अपने हाथ पर शराब
ली और अपनी गांड में
मल ली। फिर मेरे पास आकर मेरे
लण्ड को चूसा और घोड़ी बनकर
नीलम से बोली- जरा
शरद की हेल्प कर!
नीलम ने भाभी
की गांड को खोला और मैंने अपने
सुपारे को गांड की छेद में सेट करके
जोर लगाया, मेरा लौड़ा आधा गांड के अन्दर जा
चुका था, दूसरे धक्के में मेरा पूरा लन्ड
भाभी के गांड की सैर
कर चुका था।
चूँकि भाभी पहले भी
गांड मरा चुकी होगी तो
उसे कोई प्राबल्म नहीं हुई।
थोड़ी देर तक अपने गांड में मेरा
लन्ड लेने के बाद भाभी
नीलम से बोली- चल
अब तू तैयार हो जा!
इतना कहकर भाभी ने
नीलम के हाथ पीछे
करके बाँध दिए, नीलम
बोली- यह क्या कर
रही हो?
तो भाभी बोली- दो मिनट
चुप रह, बता रही हूँ।
इतना कहकर भाभी ने
नीलम का मुँह अपने साथ लाए
हुए दुप्पटे से बाँध दिया और
बोली- हम लोग होटल में रूके
हुए हैं, इसका लन्ड जब तेरी
गांड में घुसेगा तो तू दर्द से
चिल्लायेगी और होटल में सब
कमरे आस-पास है और तू समझ
सकती है कि यहाँ क्या हो सकता
है, इसलिये मैंने ये सब किया है।
मैं भाभी की
समझदारी का कायल हो गया कि
सेक्स का मजा भी निर्विघ्न हो
और किसी को पता भी
न चले।
भाभी वैसे भी बहुत
बड़ी चुदक्कड़ थी।
उधर भाभी ने नीलम
की गांड में टूयूब से
क्रीम लगा कर अपनी
उंगली से उसे उसकी
गांड के अन्दर तक डाल रही
थी। फिर मेरे लौड़े को
क्रीम से मल दिया, उसके बाद
नीलम की गांड को
फैलाते हुये बोली- एक झटके से
लन्ड अन्दर डालो।
मैंने आज्ञा मानते हुए निशाना लेते हुए जोर
लगाया, लगभग़ दो इंच लौड़ा नीलम
की गांड में घुस चुका था,
नीलम का मुँह दुप्पटे से बँधा होने
के कारण उसकी घुटी-
घुटी सी आवाज आ
रही थी और
अपनी पूरी ताकत लगा
रही थी मुझसे अलग
होने के लिये, लेकिन उसके हाथ बंधे होने से
और मेरी पकड़ में होने के कारण
वो अपने आप को छुटा नहीं पाई।
उधर भाभी उसकी बुर
को उंगली से सहला
रही थी और
कभी उसकी
चूची मसलती और
कभी उसकी
चूची
पीती।
जैसे ही उसका दर्द कम हुआ
और उसने अपनी गांड को
ढीला छोड़ा, मैंने तुरंत
ही दूसरा धक्का लगाया,
अबकी बार आधा से ज्यादा उसके
गांड में घुस चुका था और तीसरा
धक्का देते ही मेरा लन्ड
पूरी जगह बना चुका था, उधर
नीलम के मुँह से गूगूगूं गूगूं
गगूगू… की आवाज आ
रही थी और आँखों से
आँसू निकल रहे थे।
उधर भाभी भी
उसकी चूची को जोर-
जोर से मसल रही
थी, मैं भी उसको हर
तरह से उत्तेजित कर रहा था।
धीरे धीरे जैसे
ही वो नार्मल हुई, मैंने
धीरे-धीरे जगह बनाना
शुरू की, उधर भाभी ने
नीलम के मुँह से कपड़ा निकाल
लिया, अब नीलम के मुँह से
निकलती हुई आवाज ऐसे
थी मानो अब वो पूरा का पूरा मेरे लंड
को निगल लेगी।
अब भाभी ने उसके हाथ खोल दिये
ताकि वो हाथ का सहारा ले सके और
भाभी सामने के सोफे पर बैठ कर
अपनी टांगों को फैला कर फिंगरिंग कर
रही थी।
दो-तीन मिनट के बाद मैं
भी जल्दी-
जल्दी धक्के लगा रहा था, मेरा
बदन अकड़ रहा था।
और थोड़ी देर बाद मैंने अपने माल
से नीलम की गांड भर
दी और निढाल होकर पलंग पर
लेट गया।
जैसे ही नीलम मुझसे
छूटी, तुरंत ही
बोली- मादरचोद मुफ्त का माल
समझ रखा है जो मेरी गांड फाड़
कर रख दी?
‘नहीं तो यार… मैंने कहाँ तुझे
मुफ्त का माल समझा है, वो तो तेरी
भाभी ने तेरी फड़वा
दी। अब ज्यादा दर्द तो
नहीं हो रहा है?’ मैंने मजा लेते
हुए कहा।
इतना कहते ही वो मेरे ऊपर आ
गई और मेरे सीने पर मुक्का मारने
लगी और अपने होंठो को मेरे होंठो
से मिला दिया, भाभी से
बोली- भाभी, भले
ही दर्द से मैं छटपटा
रही थी लेकिन
वास्तव में सेक्स का क्या मजा है, यह आज
ही पता चला।
भाभी बोली- चलो,
थोड़ी देर हम सब अराम करते
हैं, शरद भी थक गया है, एक
घंटे के बाद उठ कर इसके लौड़े से
अपनी-अपनी बुर
की खुजली मिटाएँगे,
फिर सो जाया जायेगा।
मैंने तुरन्त ही उन दोनों के आफर
को ठुकरा दिया- भाभी, आज
नहीं कल प्लीज,
क्योंकि मैं काफी थक गया हूँ।
नीलम भी
बोली- हाँ भाभी मैं
भी काफी थक
गयी हूँ।
‘ओके बाबा, ठीक है, चलो कल
घूम कर जल्दी लौट कर आ जायेंगे
और फिर मस्ती करेंगे। और हाँ
शरद अपना वादा न भूलना जो तुम मुझे और
नीलम को सेक्सी ब्रा-
पैंटी गिफ्ट करोगे।’
‘अरे भाभी, ब्रा-पैंटी
क्या मैं तो तुम दोनों के लिये पूरा ही
गिफ्ट हो चुका हूँ।’
इतना कहकर हम लोग अपने-अपने कमरे में
सोने के लिये चल दिये, दोनों ने मुझे नाइट किस
दी।
कहानी जारी
रहेगी।
Rajsharma67457@gmail.com
Posted from WordPress for Android