मैंने रोशनी को घोड़ी बनाया और
पीछे से लंड दुबारा उसकी चूत में
उतार दिया और लगभग बारह मिनट
की जबरदस्त चुदाई की।
रोशनी दो बार झड़ गई थी इस
दौरान। अब मेरा लंड भी रोशनी की
चूत की प्यास बुझाने के लिए तैयार
था, मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।
करीब दो मिनट और चोदने के बाद मेरे
लंड ने गर्म गर्म लावा रोशनी की चूत
में भरना शुरू किया तो माल की
गर्मी से रोशनी एक बार फिर झड़ गई
थी।
माल निकलते ही मैं रोशनी के ऊपर
ही लेट गया। पाँच मिनट के बाद
रोशनी ने मुझे अपने ऊपर से उठाया
और मेरे गले लग के चुदाई के लिए मुझे
धन्यवाद कहा।
मैंने भी उसके होंठों पर चुम्बन किया
और उसको चूत के लिए धन्यवाद कहा।
रोशनी अपना नाईट सूट उठाकर कमरे
से चली गई तो मैं भी अपना लोअर
पहनकर वापिस कमरे में आ गया। अभी
मैं बेड पर लेटा ही था कि मुझे एहसास
हुआ कि समीर जाग रहा है, पर मुझे
समीर से डरने की जरुरत ही नहीं थी।
मैं दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गया।
तभी समीर की आवाज आई– चोद
दी मेरी माँ? साले, तू सच में बहुत बड़ा
चोदू है।
मैंने समीर की तरफ देखा तो उसने अपने
मोबाइल में अपनी मम्मी की और मेरी
चुदाई की रिकॉर्डिंग मुझे दिखाई।
एक बार तो मेरी फटी कि कहीं यह
इस रिकॉर्डिंग के दम पर कहीं मुझे
ब्लैकमेल करने के मूड में तो नहीं है।
पर फिर उसने बताया कि वो इस
रिकॉर्डिंग के दम पर अपनी माँ को
मजबूर करेगा श्रुति की चूत दिलवाने
के लिए।
मैंने रिकॉर्डिंग को ध्यान से देखा तो
उसमें मेरी शक्ल भी नजर आ रही थी
तो मैंने बिना देर किये वो
रिकॉर्डिंग यह कहते हुए डिलीट कर
दी की किसी गलत हाथ में अगर यह
रिकॉर्डिंग चली गई तो श्रुति की
चूत तो पता नहीं मिलेगी की नहीं,
उल्टा शहर में रहना मुश्किल हो
जाएगा।
डिलीट करने से वो थोड़ा नाराज
तो हुआ पर फिर जब मैंने उसे श्रुति की
चूत दिलवाने में मदद करने का कहा तो
वो खुश हो गया।
नौ बजे नाश्ता तैयार करने के बाद
रोशनी ने सबको टेबल पर बुलाया तो
मुझे पहली बार श्रुति का दीदार
हुआ। एकदम रोशनी की डुप्लीकेट
कॉपी थी। बस चूचियों और चूतड़ों
का साइज़ उम्र के हिसाब से रोशनी
से थोड़ा कम था। रोशनी को चोदने
और श्रुति को देखने के बाद तो मैं मन
ही मन समीर को धन्यवाद दे रहा
था। अगर वो मुझे अपने साथ अपने घर
ना लाता तो ये दो मस्त माल देखने
और परखने का मौका कैसे मिलता।
श्रुति के बारे में बता दूँ। श्रुति
इक्कीस बाईस साल की खूबसूरत
लड़की थी। एकदम सुतवाँ बदन पाया
था श्रुति ने। अब इसी बात से
अंदाजा लगा लो कि सुबह रोशनी
की जबरदस्त चुदाई के बाद जैसे ही
श्रुति मेरे सामने आई लंड ने बिना देर
किये खड़े होकर एक जोरदार सलामी
दी थी।
दस बजे मैं अपने क्लाइंट से मिलने चला
गया। वापिस करीब तीन बजे आया
तो पता लगा कि समीर और श्रुति
ट्यूशन गये हुए है और वो पाँच बजे तक
आयेंगे।
दो घंटे थे रोशनी के और मेरे पास।
दोनों ने इस समय का भरपूर फायदा
उठाया और एक जबरदस्त मस्त वाली
चुदाई का आनन्द लिया।
रात को समीर यह बहाना बना कर
की उसे मेरे साथ सही से नींद नहीं
आती वो अपने कमरे में सो गया तो
रात को सबके सोने के बाद रोशनी
एक बार फिर मेरे कमरे में मेरे बेड पर
मेरी बाहों में बिल्कुल नंगी पड़ी थी।
आज रोशनी अपनी लम्बी लम्बी
झांटो को साफ़ करके आई थी, चूत
बहुत चिकनी लग रही थी तो मैंने अपने
होंठ उसकी चूत पर लगा दिए और
अपनी जीभ से उसकी चूत चाटने
लगा।
वो भी आज चुदवाने के पूरे मूड में थी
तो उसने भी मेरा लंड पकड़ा और मुंह में
लेकर चूसने लगी।
लगभग दस मिनट की चूसा चुसाई के
बाद लंड चूत में घुसने को तैयार था। मैंने
लंड उसकी चूत पर रखा और एक ही
धक्के में पूरा लंड रोशनी की चूत में
घुसा दिया।
रोशनी थोड़ा सा दर्द से चिल्लाई
पर दो तीन धक्को के बाद ही वो
गांड उछाल उछाल कर लंड चूत में लेने
लगी। फिर तो रात भर कमरे में
जबरदस्त चुदाई चलती रही। कमरे में
रोशनी की सिसकारियाँ और मस्ती
भरी सीत्कारें गूंज रही थी।
सुबह पाँच बजे रोशनी उठकर चली गई।
मैं भी रात भर रोशनी को चोद कर
थक गया था तो मुझे कब नींद आई मुझे
पता ही नहीं चला। आठ बजे समीर ने
मुझे आकर उठाया, वो मेरे लिए चाय
लेकर आया था।
मैं बाथरूम में गया और मुंह धोकर आया
तो समीर वहीं बैठा था। मेरे बैठते ही
समीर के एक सवाल ने मुझे चौंका
दिया।
‘रात फिर मेरी माँ चोद दी तुमने?’
मैं हैरान हुआ कि समीर ने रात को
फिर से अपनी माँ को चुदते हुए देखा
होगा और हो सकता है उसने रात को
फिर से मोबाइल में रिकॉर्डिंग की
होगी। मैं नहीं चाहता था कि वो
ऐसी कोई रिकॉर्डिंग रखे, यह ना तो
उसके हित में था और ना ही मेरे!
मैंने बहाने से उसका फ़ोन चेक किया
पर उसमे ऐसी कोई रिकॉर्डिंग नहीं
थी। समीर ने एक बार फिर मेरे सामने
श्रुति को चुदवाने में मदद करने की
गुहार लगाई।
‘राज, अब तो तुम मेरी माँ को अच्छे से
चोद चुके हो अब तो मेरा काम कर
दो… प्लीज श्रुति को चोदने में मेरी
मदद करो… प्लीज!’
मैंने उसको मदद का वादा किया तब
जाकर वो थोड़ा शांत हुआ। मेरी
आज शाम की ही वापसी की टिकट
थी। समीर चाहता था कि मैं टिकट
कैंसिल करवा दूँ और उसके लिए श्रुति
को चुदाई के लिए तैयार करूँ। पर मेरे
पास बिल्कुल भी समय नहीं था। मैंने
समीर से वादा किया कि मैं जल्दी
ही दुबारा भोपाल आऊँगा और हर
हाल में श्रुति की चूत उसको दिलवा
दूँगा।
नादान बच्चा समीर अपनी माँ तो
चुदवा ही चुका था अब बहन भी
चुदवाने पर आमादा था। नहा धोकर
मैं तैयार हुआ तो रोशनी मुझे नाश्ते के
लिए बुलाने आ गई।
मैंने रोशनी को बाहों में भर कर
जोरदार किस किया और उसके साथ
ही बाहर आ गया। मैंने रोशनी को
अपने वापिस जाने के बारे में बताया
तो वो बहुत मायूस हो गई। पर मैंने
उसको भी जल्दी ही वापिस आने
का वादा किया और फिर नाश्ता
करके समीर के साथ ही क्लाइंट के
पास चला गया।
वहाँ से मैं लगभग बारह बजे फ्री हो
गया, मेरी ट्रेन शाम को छ: बजे की
थी, अब ये छ: घंटे कहाँ बिताये जाएँ।
उलझन में था तभी मन में आया क्यों
ना जाते जाते रोशनी को एक
सरप्राइज दे दिया जाए।
मैंने ऑटो पकड़ा और सीधा समीर के
घर पहुँच गया। रोशनी घर का काम
निपटा कर शायद अभी नहा कर
निकली थी। दरवाजे पर मुझे देख कर
वो चहक उठी। मेरे घर में घुसते ही वो
मुझ से लिपट गई और मैंने भी अपने होंठ
उसके होंठों पर रख दिए। मैंने उसको
अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले
गया और फिर समय का सदुपयोग करते
हुए जल्दी से कपड़े उतारे और रोशनी
की चूत पर चढ़ाई कर दी। दो बार
चोद कर शाम को चार बजे मैं समीर के
घर से विदा हुआ।
आपको मेरी यह सत्य घटना कैसी
लगी जरूर बताना।
आप लोगो का मनोरंजन ही सिर्फ
इस कहानी का उद्देश्य है,
Rajsharma67457@gmail. Com
Posted from WordPress for Android