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Bhabhi ko chudai ka sukh

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पिछले साल हमने एक नया घर लिया। घर के
सामने वाले घर में एक मियां-
बीवी रहते थे,
उनकी शादी को
अभी कुछ साल हुए होंगे।
तो जैसे जैसे दिन बीतते चले गए
वैसे वैसे सामने जो भैया भाभी
रहते थे, उनसे हाय हेल्लो
अच्छी होती गई।
भाभी का नाम ममता था, उमर 29
साल और फिगर तो उन्हें भगवान
की देन थी
36-30-34, बिल्कुल फिट।
वो रोज़ाना घर मम्मी पास
आती थी तो
इसी बहाने मैं भी
उनसे बात कर लेता था। उनके पति प्राइवेट
कम्पनी में काम करते थे तो दो दो
दिन बाद उनके टूर हुआ करते थे तो वो शहर
से बाहर चले जाते थे।
जैसे जैसे उनका हमारे घर आना जाना हुआ, वो
जल्दी मम्मी और
हमारे परिवार के साथ घुल मिल गई।
उसी तरह वो हमारी
फ़ैमिली का हिस्सा बन गई।
मेरी फ़ैमिली में
मम्मी पापा और मैं सिर्फ
तीन ही लोग हैं।
मैं भाभी से बहुत बातें करता था।
धीरे धीरे
भाभी मुझे अच्छी
लगने लगी पर मैंने उन्हें आज
तक गन्दी नजरों से
नहीं देखा।
भाभी को कहीं
भी जाना होता था तो मेरे साथ
ही जाती
थी जैसे बाज़ार वगैरा।
मैं भाभी से बिल्कुल खुला हुआ था
बात करने में।
एक दिन हम बात कर रहे थे, मैंने
भाभी से पूछा- भाभी
आपका कोई बेटा या बेटी
नहीं है?
भाभी ने कोई जवाब
नहीं दिया और अपने घर
चली गई।
मुझे लगा उन्हें बुरा लग गया, मैं उनके घर गया
देखा तो भाभी रो रही
थी।
मैंने कहा- भाभी,
सॉरी… मैंने कुछ गलत पूछ लिया
आपसे, मुझे माफ़ कर दो।
मैंने उन्हें पानी पिलाया और चुप
करवा दिया और अपने घर आ गया।
एक दिन वो हमारे घर नहीं आई
तो मम्मी भाभी के घर
चली गई। मम्मी वापिस
आई तो कहने लगी कि
भाभी को बुखार है। भैया काम
की वजह से बाहर गए हुए हैं,
तू उन्हें हॉस्पिटल लेकर चला जा !
उस दिन मैं उन्हें हॉस्पिटल ले गया और दवाई
दिलवाकर उन्हें घर वापस ले आया।
पर भाभी ने मुझसे बात
नहीं की, शायद
अभी भी नाराज लग
रही थी।
अगले दिन मैं भाभी के घर गया तो
फिर भी भाभी ने मुझसे
बात नहीं की।
मैंने उन्हें बहुत मनाया और कान पकड़ के
सॉरी बोला।
भाभी ने कहा- तुम्हें एक शर्त
पर माफ़ करूँगी… अगर तुम मुझे
घुमाने ले जाओगे कहीं।
मैं खुश हुआ कि चलो भाभी मान
गई।
मैं भाभी को फन पार्क ले गया,
गर्मी का टाइम था तो स्प्लैश में ले
जाना ही सही समझा
और सोचा कि भाभी का मूड और
अच्छा हो जाएगा।
मेरा आईडिया काम कर गया और
भाभी वहाँ जाकर बहुत खुश
हुई, उन्होंने मुझे गले से लगाया और कहा-
थैंक्स कि तुम मुझे यहाँ लेकर आये…
मैंने कहा- भाभी, इसमें थैंक्स
वाली क्या बात है, यह तो मेरा
फ़र्ज़ था भाभी।
हम वहाँ नहाए और उसके बाद मैं
भाभी को घर लेकर आ गया।
ऐसे ही कुछ दिन बीते
भाभी ने मार्किट चलने के लिए कहा
और भाभी ने कहा- राहुल, आज
तुम्हारे भैया ज्यादातर बाहर रहते हैं, मुझे
बिल्कुल टाइम नहीं देते…
और उनकी बातों में शरारत दिख
रही थी।
और भाभी ने स्माइल करते हुए
कहा- सिर्फ तुम ही मुझे टाइम
देते हो!
मैं बात समझ नहीं पाया और हम
लोग मार्किट के लिए चल पड़े।
भाभी कुछ ज्यादा ही
पास होकर बैठी थी,
उनके चूचे मेरी पीठ
पर गड़े हुए महसूस हो रहे थे पर मैंने
ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
भाभी ने मार्किट में शौपिंग
की और हम घर आने लगे।
रास्ते में बातों बातों में भाभी ने मुझसे
पूछा- राहुल तुम्हारी कोई
गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
मैंने सर हिलाते हुए मना कर दिया और घर
आकर सोचने लगा कि आज कुछ तो गड़बड़
जरूर है।
इतने में भाभी आई और मुझसे
पूछने लगी- राहुल, रात को
मूवी देखने चलोगे क्या?
मेरी एक सहेली जा
रही है।
मैंने कहा- ठीक है
भाभी, मैं चल पडूंगा।
मैंने रात का इन्तज़ार किया मूवी के
लिए तो मम्मी ने कहा मुझसे कि
तेरे पापा के दोस्त के बेटे की
शादी है, तो वहीं
चलना है।
अब मैं भाभी को भी हाँ
कह बैठा था तो मैंने कोई बहाना लगा कर मना
कर दिया।
रात के 8.30 बज चुके थे और मेरे पेरेंट्स
शादी के लिए निकल चुके थे, उन्हें
हमारे शहर से 2 घंटे की
दूरी पर जाना था।
तभी भाभी
की कॉल आई- तुम मेरे घर पर आ
जाओ, मेरी फ्रेंड और उनके
हसबैंड आए हुए हैं। हम
उनकी गाड़ी पर
ही चले जाएँगे।
हम मूवी देखने चले गए।
मूवी देखते देखते उसमें एक
किसिंग सीन आ गया,
भाभी साथ बैठी
थी तो मुझे शर्म आ गई।
जैसे ही मूवी ख़त्म
हुई हम घर आ गए और उनकी
सहेली चली गई। मैंने
मम्मी को फ़ोन किया कि
उनकी वापसी कब
होगी। तो मम्मी ने
जवाब दिया कि सुबह उनकी
वापसी होगी।
मैं अपने घर आ गया और भाभी
अपने घर… मैं लेटा ही था कि
भाभी की कॉल आ गई
कि राहुल मेरी तबीयत
खराब हो रही है, क्या तुम घर
आ सकते हो?
तो मैं जल्दी से उनके घर गया और
पूछा- क्या हुआ?
भाभी ने कहा- मेरा सर दर्द हो
रहा है।
मैंने कहा- भाभी, सर दबा देता हूँ।
मैंने भाभी का सर दबा दिया और
भाभी ने मुझसे कहा कि
उनकी तबीयत ज्यादा
खराब लग रही है।
मैंने कहा- भाभी, हॉस्पिटल ले
चलूँ क्या?
तो उन्होंने कहा- नहीं, तुम
यहीं सो जाओ और मेरे सर दबा दो
बस…
और सर दबाते दबाते भाभी उठ गई
और रोने लगी, मेरे सीने
से लग गई।
मैंने कहा- क्या हुआ भाभी, आप
रो क्यों रहे हो?
भाभी ने कहा- तेरे भैया को तो
सिर्फ अपने काम से मतलब है, न मेरे साथ
टाइम बिताते हैं, न ज्यादा घर पे रहते हैं,
उन्होंने मुझे बच्चे का सुख भी
नहीं दिया।
और बस जोर जोर से रोने लगी।
तभी भाभी ने मुझे
कहा- राहुल, एक बात बोलूँ… अगर बुरा न
मानो तो?
मैंने कहा- हाँ भाभी, आपका हक़
है, आप बोलो!
भाभी ने कहा- राहुल, क्या तुम
आज रात के लिए मेरे पति बनोगे/
मेरे तो होश उड़ गए सुन कर ही
क्योंकि मैंने आज तक उन्हें ऐसी
नजरों से नहीं देखा और मुझे
कहने लगी- तुम मुझे अच्छे
लगते हो।
मैं कुछ कहता, इतने में भाभी
एकदम से मुझे बेड पे धक्का लगा कर मेरे
ऊपर आ गई और मुझे पागलों की
तरह चूमने लगी, उन्होंने मेरे
होंठों पे अपने होंठ रख दिये और बहुत जोर
से चूसने लगी, मेरे होंठो से खून
आने लगा, वो उसे भी चाट गई।
मुझे ज़िन्दगी में
पहली बार इतना अच्छा महसूस
हो रहा था।
उन्होंने मेरी कमीज़
उतारी और फिर नीचे से
ही मेरे लिंग को पकड़ लिया।
वैसे मैं बता दूं मेरा लिंग 7.5 इंच का है।
भाभी ने कहा- राहुल, मेरे कपड़े
उतारो…
मैंने भाभी को पूरी
नंगी कर दिया, सबसे पहले मैंने
उनके बूब्स को मुँह में लिया और 10 मिनट
तक चूसता रहा।
उनके मुँह से आह आह आह आह
की आवाज आ रही
थी।
फिर उन्होंने एकदम से मुझे लेटा दिया और मेरे
लण्ड को मुँह में ले लिया, वो ऐसे चूस
रही थी जैसे
पहली बार चूसा हो, मुझे लग
रहा था कि ये तो खा ही
जायेंगी मेरे लौड़े को!
उसके बाद उन्होंने अपनी चूत को
चाटने के लिए कहा।
जैसे ही मैंने जीभ
लगाई, उनके मुँह से फिर से ‘आह उह अई
आह अह अह अह आह आ ह’
की आवाज निकलने
लगी।
करीब 15-20 मिनट हम 69
पोज़ में रहे, भाभी मेरा
वीर्य भी
पी गई।
फिर भाभी ने कहा- अब ऊपर आ
जाओ… और बर्दाश्त नहीं होता!
मैंने पहली बार डाला तो
नहीं गया, उनके मुँह से आह
निकली, उन्हें दर्द हो रहा था।
फिर भाभी ने मेरे लंड पे तेल लगाया
और मैंने लंड छेद पे रखा तो भाभी
की ‘अई’ निकल गई,
भाभी को दर्द हो रहा था।
मैं दो मिनट रुका और हल्के से अंदर डाल दिया।
भाभी ने आह-आह करना शुरू
दिया और मेरे कान पर चक्क(दांत से काटना) मार
दिया ।
मैंने अगली बार में जोर से धक्का
मारा और लंड पूरा का पूरा अन्दर।
मुझे भी दर्द हो रहा था, 5 मिनट
बाद मैंने अपनी स्पीड
बढ़ाई, भाभी तो बस आह अअह
आह अअह अअह अआह आह आह
आह कर रही थी।
करीब 15 मिनट बाद मैं झड़ने वाला
था तो भाभी ने कहा- अगर होने
वाला हो तो अंदर ही कर देना।
तो कुछ देर बाद मैं झड़ गया और कुछ देर तक
भाभी के ऊपर ही
पड़ा रहा।
उस रात मैंने भाभी को एक बार और
चोदा।
भाभी का बेटा हुआ है और वो
कहती कि वो बेटा मेरा है।
उसके बाद भी मैंने कई बार
भाभी को चोदा !
कहानी पसंद आई या
नहीं,
Rajsharma67457@gmail.com

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