बात उस समय की है जब मैं अपनी
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था,
मेरी उम्र 21 की रही होगी, मेरा
शरीर एथलेटिक है और मैं जिम में
काफी समय दिया करता था।
मैंने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया
था। हाँ लेकिन मुझे अन्दर से इसके बारे
में जानने की बड़ी इच्छा थी, जो भी
सुना वो बस दोस्तों से ही सुना था,
कभी ब्लू फिल्म भी नहीं देखी थी,
यह सुनने में अजीब सा लगेगा लेकिन
यही सच है।
मैं थोड़ा शर्मीला सा लड़का था, न
कभी हिम्मत हुई कि किसी सुन्दर
लड़की को प्रोपोज़ करूँ।
मैंने जैसे ही एडमिशन लिया मुझे
हॉस्टल में डाल दिया गया। पर मुझे
हॉस्टल पसंद नहीं आया और डैड के
जाने के कुछ दिनों बाद ही मैं एक
फ्लैट में शिफ्ट हो गया। मेरे पेरेंट्स
काफी रुतबे वाले लोग हैं और काफी
बिजी भी रहते हैं। मुझे पता था कि
वो अब नहीं आयेंगे और जो भी करना
है मुझे ही करना है।
मैं फ्लैट में अकेला रहता था और वही
से सुबह में कॉलेज के लिए जाया
करता था। पैसे की कमी नहीं थी और
न ही मुझे किसी के साथ फ्लैट शेयर
करना पसंद था।
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कुछ दिन बाद मुझे पता चला कि मेरे
बगल वाले फ्लैट में एक परिवार रहता
है। एक बार मैं अपने बालकॉनी में बैठ
कर कॉफ़ी पी रहा था कि मैंने एक
सुन्दर सी महिला को देखा, उनकी
उम्र बत्तीस-तैंतीस की रही होगी,
उनका शरीर गदराया हुआ, बड़े से
उरोज, पतली कमर और गुलाबी से
होंठ… फिगर 36-30-36 के करीब…
लाल रंग की साड़ी में वो गजब ही
लग रही थी।
गले में एक सुन्दर सा नेकलेस था, नाक
पे एक सुन्दर सा रिंग और माथे पे एक
छोटी से बिंदी। उनकी ऊँगली पे एक
हीरे का रिंग भी था।
उतनी सुन्दर औरत मैंने शायद ही कभी
देखी थी, वो किसी से फ़ोन पे बातें
कर रही थी, मैं बस उन्हें देखे ही जा
रहा था।
तभी उन्होंने मुझे देखा और मेरे बारे में
पूछने लगी। मैंने उन्हें अपने बारे में
बताया तो वो खुद ही मुझे अपने और
अपने परिवार के बारे में बताने लगी।
वो हाउसवाइफ थी और उनके पति
एक बड़ी आईटी कंपनी में मेनेजर थे और
अक्सर घर से बाहर ही रहा करते थे।
उनके दो बच्चे थे जो छठी और पांचवी
क्लास में पढ़ रहे थे। बात यहाँ से शुरू
हो गई। उन्हें देखने से लगता था कि
अभी वो छबीस साल से ज्यादा की
नहीं होगी।
मैं उन्हें भाभी बोला करता था। मैं
जब भी फ्री होता, उनके बच्चे मेरे
साथ खेलने की जिद करने लगते। मैं भी
उनके साथ खेलने लगता और कुछ दिनों
बाद बच्चे मेरे साथ काफी घुलमिल
गए।
भाभी अक्सर मुझे अपने बच्चों के साथ
खेलता हुआ देखा करती थीं। जब वो
आती, मैं भी उन्हें देखता रहता था।
भाभी बहुत बातें किया करती थी पर
उनके पति के यहाँ नहीं होने से वो
अकेले ही रहा करती थी, भाभी का
अकेलापन मुझे समझ आ गया था।
वो इसी अकेलेपन को दूर करने के लिए
काफी समय सोसाइटी की बाकी
औरतों के साथ समय गुज़ारा करती
थी। जब बच्चों के आने का वक़्त होता
तो वो वापस आ जाती थी।
भाभी अक्सर मुझे अपने घर बुलाया
करती थी और काफी बातें भी
किया करती थी। मैं कम बोलता था
और किसी भी बात पे अपना
नजरिया रख देता था जिससे भाभी
काफी इम्प्रेस होती थी।
एक दिन भाभी ने मुझे बुलाया रात में,
काफी गुस्से में लग रही थी वे, मैं
फ़ौरन उनके फ्लैट आ गया। भाभी ने
बताया कि बच्चों के एग्जाम आ रहे हैं
और उन्हें मैथ में परेशानी हो रही है।
मैंने कहा- भाभी आप बेकार ही
परेशान हो रही हो।
और मैंने उनके बच्चों को पढ़ा दिया।
भाभी ने बोला- समीर तुम अकेले क्यूँ
रहते हो और खाते कब हो? तुम जब मेरे
लिए इतना कर सकते हो तो मैं भी
कुछ कर देती हूँ तुम्हारे लिए।
मैं भाभी के बूब्स देखे जा रहा था जो
काफी बड़े और सुन्दर लग रहे थे। उनके
शरीर के हर हिस्से को चूमने का मन कर
रहा था मेरा। भाभी ने मुझे खोया
सा देखा तो बोली- तुम मेरी बात
सुन भी रहे हो या नहीं?
मैं सकपका गया।
भाभी ने बोला- आज से तुम हमारे घर
पे ही खाना खाया करोगे।
मैंने उनकी बात मान ली।
अब मैं अपने फ्लैट पे कम उनके फ्लैट पे
ज्यादा रहा करता था। भाभी अपने
पति से काफी नाराज़ रहा करती
थी और जब भी वो आते तो दोनों
की खूब लड़ाई हुआ करती थी।
मैं छिप के उनकी बातें सुना करता
था। भाभी बोलती थी कि मुझे तुमसे
कोई मतलब नहीं। और जहाँ रहते हो,
वहीं रहा करो।
और उनके पति भी उन्हें काफी बुरा
भला बोला करते थे।
मैंने भाभी को अकेला देखा तो उनसे
बातें करने लगा। उनके घर में कुछ लोग
आने वाले थे पर अभी तक कोई नहीं
आया था।
उनके पति भी वापस फ्लाइट पकड़ कर
चले गए।
भाभी ने बोला- अगर तुम्हें कोई
काम नहीं है तो मेरे साथ चलो, मुझे
कुछ काम है।
मैंने हाँ कर दी।
भाभी मुझे अपनी कार से मॉल ले गई
और अपने लिए शॉपिंग करने लगी। मैंने
जो भी साड़ी पसंद की, उन्होंने वो
ले ली।
जब हम घर आये तो उन्होंने मुझे एक एक
कर के साड़ी पहन कर दिखाई। क्या
गज़ब की सेक्सी लग रही थी वो… मैं
बस उन्हें देखता ही रहा।
जब वो वापस चेंज करने गई तो मैं उनके
पीछे गया और दरवाजे की ओट से उन्हें
देखने लगा।
उन्होंने अपनी साड़ी उतार रखी थी
और आईने के सामने अपनी ब्लाउज
उतार रही थी… मैं सब देख रहा था।
मुझसे रहा नहीं गया और मैं तुरंत मुठ
मारने बाथरूम चला गया।
रात भर मुझे यह सोच सोच कर नींद
नहीं आई।
एक रात मैं अपने दोस्तों के घर से
वापस आया तो भाभी ने मुझे
बोला- समीर तुम आज रात आ रहे हो
न?
मैंने बोला- आज मुझे पढ़ाई करनी है
तो खाना देर से खाऊँगा।
भाभी ने मुझे अपने घर की चाबी दी
और कहा- दरवाजा खुद ही खोल क
आ जाना और कॉल बेल नहीं
बजाना।
रात में मैं अपनी किताबें लेकर उनके
फ्लैट चला गया और देर तक पढ़ाई
की। भाभी जग रही थी।
जब मैं जाने लगा तो भाभी ने
बोला- यहीं रुक जाओ आज, मुझे
अकेले अच्छा नहीं लग रहा है।
मैं रुक गया।
उनके बच्चे अपने कमरे में सो रहे थे।
भाभी और मैं दोनों बातें करने लगे। मैं
उनके बिस्तर पे उनके बगल में बैठ गया।
वो मुझे पूछने लगी कि मेरी कोई
गर्लफ्रेंड भी है, मैंने इन्कार कर दिया।
भाभी ने कहा- तुम इतने खूबसूरत हो,
कोई तो होगी?
मैंने बोला- आपके जैसी कोई मिल
जाती तो पक्का उससे प्यार हो
जाता।
भाभी मुस्कुरा दी।
फिर हम दोनों ने उनकी लाइफ के बारे
में बातें की जिससे मुझे पता चला कि
अब वो अपने पति क साथ वैसा
रिश्ता नहीं रखती क्यूंकि उनका
किसी और के साथ अफेयर था।
और यह बोलते हुए वो रोने लगी।
मैंने उनको बहुत समझाया। फिर
उन्होंने मुझे यहीं सो जाने को बोला
और मैं उनके बगल में लेट गया। भाभी ने
मुझे पकड़ लिया और मेरे गाल पे एक
पप्पी देते हुए बोली- तुम बहुत अच्छे
हो।
मैंने उनकी तरफ करवट बदल ली और
उन्हें जोर से पकड़ लिया, मेरा दिल
जोर जोर से धड़कने लगा।
भाभी ने पूछा- अरे समीर, तुम घबरा
क्यूँ रहे हो?
मैं कुछ नहीं बोला।
भाभी ने मेरा सर अपने छाती पे रख
दिया और बोली- परेशान मत हो।
मुझे अब कुछ भी समझ नहीं आ रहा
था, मैंने भाभी के बूब्स को दबाना शुरू
कर दिया।
यह देख कर भाभी ने बोला- समीर,
यह गलत है। तुम ऐसा मत करो, जाओ
यहाँ से।
मैंने भाभी के होठों को चूमना शुरू कर
दिया।
भाभी ने लाइट जला दी और बिस्तर
से नीचे उतर के खड़ी हो गई, मैं भी
बिस्तर से नीचे उतर कर भाभी के गले
और उनके बूब्स को किस करने लगा।
भाभी अब जोर जोर से साँसें लेने
लगी थी। मैंने उनको बिस्तर पे
बिठाया और उनकी साड़ी के पल्लू
को नीचे गिया दिया और उनके गोरे
बदन पे किस करने लगा।
भाभी ने अपनी आँखें बंद कर ली और
जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी।
मैंने उनकी साड़ी उतार दी और
भाभी ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए।
भाभी का शरीर… उफ्फ्फ… उनके बड़े
बड़े बूब्स… उनकी पीठ… उनकी कमर…
क्या बताऊँ।
भाभी ने मेरे होठों को चूमना शुरू कर
दिया, फिर बोली- ..समीर ये बात
किसी को भी पता नहीं चलनी
चाहिए।
मैंने तुरंत बोल दिया- आपको मुझ पर
भरोसा नहीं है क्या?
भाभी बोली- है… तभी तो ये सब
कर रही हूँ.. कितने लोगों ने मुझे पाना
चाहा पर मैंने किसी को घास तक
नहीं डाली। पर आज मैं नहीं रुकने
वाली।
मुझे भरोसा नहीं हो रहा था कि ये
सब सच में हो रहा है। मैंने भाभी का
ब्लाउज उतार दिया और उन्होंने
अपनी पेटीकोट।
फिर जैसे मैं पागल सा हो गया, मैं
उनके ऊपर चढ़ गया और उनके पूरे बदन
को चूमने लगा, उनकी लाल ब्रा और
लाल पेंटी.. मैंने दोनों को जोर से
खींचा।
भाभी मुस्कुराने लगी, बोली-
आराम से करो पागल।
पर मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था,
मैंने अपना पेनिस उनके चूत में जोर से
डाल दिया जिससे वो जोर से
चिल्लाई, फिर बोली- तुम पहली
बार ये कर रहे हो न, इसलिए मैं तुम्हें
बताऊँगी कि कैसे करते हैं।
उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ में लिया
और अपनी चूत में डाल दिया। फिर मैं
जोर जोर से स्ट्रोक्स लगाने लगा
और भाभी आह आह की आवाजें
निकालने लगी।
बीच बीच में मैं उनके बूब्स को चूम रहा
था और उनके निप्पल को चूस रहा था
जिससे भाभी पूरी तरह से उत्तेजित
हो गई।
ऐसा लग रहा था जैसे कितने सालों
से भाभी ने सेक्स नहीं किया है।
मैं जोर जोर से करता रहा और वो मुझे
कस कर पकड़ी रही, बोली- अभी मत
निकालो… और करते रहो..
मैं करता रहा।
7 मिनट में वो झड़ गई और मैं भी झड़
गया, मैंने सारा माल उनकी चूत में दे
मारा।
फिर भाभी ने मेरा लौड़ा अपने मुख में
डाल लिया और चूसती रही।
उस रात हमने तीन बार चुदाई की।
अब मैं वर्जिन नहीं रहा था, मुझे बड़ा
अच्छा लग रहा था, सुबह भाभी
काफी खुश लग रही थी, मैं उनसे नजरें
नहीं मिला पा रहा था।
पर भाभी ने मेरे लिए कॉफ़ी बनाई
और बोली- ..काश तुम मेरे साथ
हमेशा रहते।
मैंने भाभी को किस किया और
बोला- मैं साथ ही तो हूँ।
इस तरह मैंने एक साल भाभी के साथ
सेक्स किया,
Rajsharma67457@gmail.com
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