यह बात उन दिनों की है.. जब मैं
स्कूल में पढ़ता था और सेक्स के बारे में कुछ
खास नहीं जानता था.. लेकिन
कभी जब लंड खड़ा हो जाता था..
तो उसे सहलाता था.. जिससे मुझे बड़ा
ही आनन्द आता था।
मेरे साथ स्कूल हेडमास्टर की
बेटी भी
पढ़ती थी..
उसकी रंगत ऐसी
थी कि स्कूल के लगभग
सभी लड़के उसे पटाने
की कोशिश करते थे.. लेकिन वो
किसी को भाव नहीं
देती थी।
मुझे नहीं मालूम.. लेकिन वो मुझे
पसंद करती थी क्योंकि
मैं पढ़ाई में काफ़ी होशियार और
सीधा-साधा लड़का था पर मैं उसे
पसंद करता था.. हमारी
दोस्ती यूँ ही
चलती रही..
तभी हमारे इम्तिहान पास आ गए
और मैंने पढ़ाई जोरों से शुरू कर दी।
एक दिन स्कूल मैं उसके बाप यानि हमारे
प्रिन्सिपल ने मुझसे कहा- टिंकू, तू रात को इंदू
के साथ यहीं स्कूल में आकर
पढ़ाई किया करो.. जिससे तुम्हें एक-दूसरे से
काफ़ी मदद मिलेगी..
यदि कुछ प्राब्लम होगी.. तो मैं
भी मदद कर दूँगा..
मैंने भी मान लिया.. क्योंकि.मेरा घर
स्कूल के पास में ही था।
जब मैं पहले दिन खाना खा कर इंदू के पास
पढ़ने पहुँचा.. तो मैं उसे देखता ही
रह गया.. वो झुक कर कुछ पढ़
रही थी और उसके
टॉप से उसके मम्मे बाहर आ रहे थे।
मैं उनको काफ़ी देर तक देखता
रहा.. तो वो बोली- क्या देख रहे
हो?
तो मैंने बोला- कुछ नहीं.. चलो
पढ़ाई करते हैं।
उसे मैथ्स में कुछ प्राब्लम थी..
तो वो मेरे पास आकर बैठ गई और सवाल पूछने
लगी।
उसके इतने पास होने से पता
नहीं.. मुझे कुछ
अजीब सा महसूस हो रहा था।
उसके जिस्म की मादक गंध मुझे
मदहोश कर रही थी।
इधर मेरा मन भी पढ़ाई से हट गया
तो मैंने उसे सामने से पकड़ लिया और उसके
गुलाबी होंठों को पागलों
की तरह चूसने लगा।
वो पहले तो अचकचा गई.. फिर वो
भी मेरा साथ देने लगी..
और साथ ही सिसकारियां
भी ले रही
थी।
तभी बाहर से कुछ आवाज़ आई
और हम अलग होकर फिर पढ़ने लगे।
उसका बाप आया था.. बोला- अरे एक बज गया..
अब तुम सो जाओ।
तो मैंने बोला- नहीं सर.. कल
गणित का इम्तिहान है और अभी
कुछ पढ़ाई करना बाकी है.. उसे
पूरा करके ही सोएंगे।
तब वो बाहर सोने चला गया और हमने राहत
की सांस ली।
अब इंदू ने खड़े होकर दरवाजा बन्द किया और
किताबें भी बंद करके एक तरफ कर
दीं। मैंने फिर उसे बाँहों में भर लिया
और चूमना शुरू किया.. अब हम दोनों गरम हो
चुके थे। मैंने अपना हाथ उसके टॉप में घुसा दिया
और उसके मस्त मम्मों को दबाने लगा।
मैं एक हाथ से उसके मम्मों को दबा रहा था
और दूसरे हाथ से उसकी स्कर्ट
खोल रहा था।
फिर मैंने उसे ज़मीन में लिटाया और
उसके सारे कपड़े उतार दिए.. सिवाय
उसकी पैन्टी के..
उसका गोरा बदन और मस्त फिगर मुझे मदहोश
कर रहा था। अब उसने भी मेरे
कपड़े उतार दिए और मेरा 7″ का लंड हाथ में
लेकर आगे-पीछे करने
लगी।
मैंने उसको मुँह में लेने को कहा.. पहले तो
उसने मना किया.. पर बाद में वो लौड़ा चूसने
लगी। कुछ ही देर में
मैंने उसके मुँह में ही अपना
वीर्य निकाल दिया.. तो उसने पूरा
माल खा लिया और फिर मेरा सुपारा चाटकर साफ़
कर दिया।
अब मैंने उसे सोफे पर बिठाया और
पैन्टी उतार कर उसकी
चूत के दर्शन किए।
क्या मस्त संतरे जैसी फांकें
थीं उसकी चूत
की.. हाय..
अब मैंने उसकी टाँगें ऊपर उठाकर
उसकी चूत के मुँह पर अपना लंड
टिका दिया।
वो बोली- टिंकू तेरा बहुत बड़ा और
मोटा है.. इससे तो मेरी फट
ही जाएगी।
मुझे भी उसकी कोमल
चूत की फिकर हो
रही थी.. लेकिन मैंने
थोड़ा आगे को धक्का मारा.. तो लंड फिसलकर
नीचे पहुँच गया.. तो उसे
हँसी आ गई।
तो मैंने बोला- रुक जा
कमीनी.. मैं तुझे
अभी बताता हूँ।
फिर मैंने उसको लंड चूसने को बोला.. अब लण्ड
थोड़ा गीला हुआ तो इस बार मैंने
पूरी ताक़त लगाकर एक
ही झटके में आधे से ज़्यादा लंड
उसकी चूत में पेल दिया।
उसकी घुटी
सी चीख निकल गई..
मैंने उसके मुँह को अपने मुँह में लेकर दबा
लिया और पूरा लंड चूत में घुसेड़ दिया। वो दर्द
से छटपटा रही थी..
मैं यूँ ही लण्ड डाले पड़ा रहा..
उसे चूमता और सहलाता रहा। मैं उसके मस्त
मम्मों के निप्पलों को अपने होंठों में दबा कर चूस
रहा था.. जिससे वो चूत चुदाई का दर्द भूल
रही थी।
कुछ ही पलों बाद मैं लौड़े को
आगे-पीछे करने लगा.. पहले तो
वो काफ़ी डर गई थी
क्योंकि उसकी चूत से
काफ़ी खून निकला और शायद मेरे
लंड से भी कुछ खून निकला था।
लेकिन बाद में उसे मज़ा आने लगा और वो
भी नीचे से कमर उठा-
उठा कर चूत चुदाई करवाने लगी।
थोड़ी देर बाद वो अकड़ गई और
मुझे लगा कि वो झड़ गई है क्योंकि वो निढाल
सी पड़ गई थी।
फिर मैंने कुछ तेज धक्के लगे और मैं
भी उसकी चूत में
ही झड़ गया.. और हम दोनों
थोड़ी देर तक ऐसे ही
लेटे रहे, फिर हमने बाथरूम में जाकर खून को
साफ़ किया और कमरे में आ गए।
मैंने अपना माल उसकी चूत में छोड़
दिया था.. तो वो कुछ डर गई थी कि
कहीं वो पेट से न हो जाए.. मैंने
अगले दिन उसको एक Unwanted 72
की गोली
दी और फिर पूरे इम्तिहान के दौरान
में हमारा चूत चुदाई का खेल चलता रहा।
वो इम्तिहानों के दिन मुझे आज भी
याद हैं जब मैंने स्कूल टॉप किया और वो दूसरे
नम्बर पर आई थी।
तो दोस्तो, यह थी मेरी
चुदाई काम-कथा..
कैसी लगी.. ज़रूर
बताना।
rajsharma67457@gmail.com
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